मध्य प्रदेश की मंत्री उषा ठाकुर के बयान पर बवाल शुरू, आदिवासियों से इलाका खाली करने को कहा - MP NEWS

इंदौर।
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर के बयान पर बवाल शुरू हो गया है। उषा ठाकुर ने पीड़ित आदिवासियों से कहा कि ऐसी जगह रहने आए ही क्यों जहां बहुत सारी समस्याएं हैं। इस बयान से आदिवासी समाज आहत हुआ और विरोध शुरू हो गया। उषा ठाकुर ने इससे पहले भी आदिवासी समाज के कुछ युवा नेताओं को नक्सलवादी बता दिया था।

कारखाने के केमिकल से नदी जहरीली हो गई है

मामला मध्य प्रदेश के धार जिले का है। जहां गुजरी क्षेत्र के भेरू घाट से गुजरी गांव की ओर कारम नदी बहती है। इस नदी में किसी कारखाने का केमिकल मिला दिया गया। नतीजा नदी का पानी लाल हो गया और मछलियों सहित तमाम जलीय जीवो की मृत्यु हो गई। कुल मिलाकर नदी दूषित हो गई है। नदी के दूषित हो जाने के कारण किसान सबसे ज्यादा परेशान है क्योंकि उनके खेतों में इसी नदी के पानी से सिंचाई होती है और उनके जानवर इसी नदी का पानी पीते हैं।

मंत्री उषा ठाकुर ने आदिवासियों से इलाका खाली करने के लिए कहा

ग्रामीणों द्वारा लगातार निदान की मांग किए जाने पर मंत्री उषा ठाकुर ग्राउंड जीरो परिस्थिति को देखने के लिए पहुंची थी। इसी दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं बताना शुरू कर दिया। जवाब में मंत्री उषा ठाकुर ने विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि तुम ऐसी विचित्र जगह बसे ही क्यों हो। तुमने यहां बसने से पहले क्या व्यवस्था देखी थी। आपके दादा परदादा तकलीफ वाली जगहों में रहे थे। तुम खुद यहां आकर बसे हो, तुम्हें किसी ने कहा थोड़े ही था यहां बसने के लिए। 

सरकार समस्याओं का निदान नहीं करेगी

मंत्री उषा ठाकुर के बयान का सिर्फ एक ही तात्पर्य है कि वह चाहती हैं आदिवासी इस क्षेत्र को छोड़कर चले जाएं, क्योंकि सरकारी स्तर पर क्षेत्र की समस्याओं का निदान नहीं किया जाएगा। मंत्री का बयान आदिवासियों को हतोत्साहित करने वाला है। जबकि सरकार का संवैधानिक दायित्व है कि वह नागरिकों के जीवन को उसी स्थान पर सरल बनाए जहां पर वह रह रहे हैं। उन्हें गांव खाली करने की सलाह न दी जाए।

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