निर्धन ईमानदार व्यक्ति बैंक लोन ना चुका पाए तब भी उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता- constitution of india articles 21

0
बहुत सारे निर्धन, गरीब ईमानदार व्यक्ति बैंक या अन्य प्राइवेट संस्था से लोन ले लेते हैं और कभी कभी वह इन छोटे-मोटे ऋण को समय पर नहीं चुका पाते। उदाहरण के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार, आर्थिक कल्याण योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आदि के कारण बहुत से गरीब व्यक्ति ने सरकार की योजना के तहत बैंकों से लोन ले रखा है या कोई प्राइवेट बैंकों से आजिविका चलाने के लिए ऋण ले रखा था एवं कोरोना महामारी के कारण उन गरीब व्यक्ति का व्यवसाय नहीं चल सका एवं बैंक सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 51 के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति पर गिरफ्तारी वारण्ट जारी करवाता है तब क्या उन गरीब ईमानदार व्यक्ति को जेल मे बन्द करके रखने में उनके किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन माना जाएगा जानिए आज के लेख में।

उच्चतम न्यायालय का निर्णायक वाद: जोली जार्ज वर्गीज बनाम कोचीन बैंक

उपर्युक्त मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि एक निर्धन ईमानदार ऋणी की इस आधार पर गिरफ्तारी करना और जेल में कैद करना कि वह अपनी निर्धनता के कारण डिक्री (सिविल न्यायालय का निर्णय आदेश) प्रदान की गयी ऋण की रकम चुकाने में असमर्थ था, संविधान के अनुच्छेद-21 का एवं इंटरनेशनल कावनेंट आन सिविल एण्ड़ पोलिटिकल राइट की धारा - 11 का अतिक्रमण करना होगा। अंतर्राष्ट्रीय अधिकारों की धारा 11 यह उपबंधित करती है कि किसी व्यक्ति को अपने संविदात्मक दायित्व को पूरा करने में असमर्थ होने मात्र के आधार पर बन्दी नहीं बनाया जाएगा। 

न्यायाधिपति श्रीकृष्ण अय्यर ने निर्णय सुनाते हुए यह अभिनिर्धारित किया कि एक निर्धन व्यक्ति को केवल ऋण न चुकाने के कारण कारावास में कैद करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अधीन बिना उचित प्रक्रिया के उसे उसकी प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता से वंचित करना है, एवं यह असंवैधानिक भी है। गरीब व्यक्ति होना कोई अपराध नहीं है और ऐसे व्यक्ति को कारावासित करके ऋण वसूली करना जब तक कि वह पर्याप्त साधन के बावजूद ऋण चुकाने में असमर्थ रहता हैं अथवा चुकाने का इरादा रखता है, अनुच्छेद 21 का अतिक्रमण करना होगा।

नोट:- निर्धन व्यक्ति को ही ऋण न देने पर कैद नहीं रखा जाएगा संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है। अगर कोई अमीर व्यक्ति बैंक या अन्य संस्था का ऋण नहीं चुकाता है। तब उस पर सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 51 के अंतर्गत कोई संवैधानिक संरक्षण प्राप्त नहीं होगा। उसे गिरफ्तार एवं बंदी बनाकर रखा जा सकता है।

13 जून को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार


महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां

:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!