भोपाल। मध्यप्रदेश में महामारी फैल गई है। लोग अस्पताल के दरवाजों पर मर रहे हैं। ऐसे हालात में शिवराज सिंह चौहान सरकार के विज्ञापन दर्द को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के शहर में संवेदनशील सरकार, अस्पताल और एंबुलेंस के बड़े-बड़े विज्ञापन छपे हैं परंतु बीमार मां को अस्पताल में ले जाने के लिए कोई नहीं आया।
जनता नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की कृपा से स्वास्थ्य मंत्री बने हैं प्रभु राम चौधरी
नागरिकों को महामारी और प्राकृतिक आपदा से बचाना सरकार का नैतिक दायित्व नहीं बल्कि संवैधानिक जिम्मेदारी है। पेट्रोल पर टैक्स लगाने और शराब की दुकानों की नीलामी करने के लिए जनता सरकार का गठन नहीं करती। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक रायसेन जिले की सांची विधानसभा (जहां के विधायक प्रभु राम चौधरी, सत्ता के दूसरे शक्ति केंद्र ज्योतिरादित्य सिंधिया की कृपा से मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री हैं) शहर में सर्दी जुकाम से पीड़ित 70 वर्षीय महिला को अस्पताल तक ले जाने के लिए कोई सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं थी। मजबूरी में महिला के प्रपत्र ने प्रपोत्र हाथ ठेले पर दादी मां को बिठाकर एक प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करवाया।
शिवराज सरकार के विज्ञापन आग में घी डालने का काम कर रहे हैं
मध्यप्रदेश में इन दिनों शिवराज सिंह चौहान सरकार अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन कर रही है जारी कर रही है। पूरे प्रदेश में लॉक डाउन है लेकिन सड़कों के किनारे बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं। विज्ञापनों के जरिए बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में सरकार संवेदनशील है, हर बीमार व्यक्ति को इलाज मिल रहा है, लोग स्वस्थ हो रहे हैं और आनंद में है। जबकि हालात क्या है, अब तो बताने की भी जरूरत नहीं रही।
जनता की चिंता किसे है, टिकट महाराज और वोट शिवराज दिलाएंगे
दरअसल मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के ज्यादातर विधायकों एवं मंत्रियों को जनता की जनता इसलिए नहीं है क्योंकि वह जानते हैं कि जब तक विधानसभा चुनाव की बारी आएगी, कुछ ना कुछ ऐसा कर लिया जाएगा कि जनता इस दर्द को भूल जाएगी। जहां तक श्री प्रभु राम चौधरी का प्रश्न है तो सभी जानते हैं कि टिकट और मंत्री पद ज्योतिरादित्य सिंधिया की कृपा से मिले हैं। अगली बार भी मिल जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रचार के दौरान 4-5 बार आएंगे, कुछ दोहे और चौपाइयां सुनाएंगे। बाकी उनका अपना तंत्र भी है जो वोट दिलाएगा।