MP में स्थाई कर्मचारियों को ₹500000 अनुग्रह राशि नहीं मिलेगी - EMPLOYEE NEWS

भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि यदि कोई कर्मचारी कोरोना कंट्रोल के लिए लगाई गई ड्यूटी के दौरान संक्रमित होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए अनुग्रह राशि दी जाएगी लेकिन वित्त विभाग ने जिस प्रकार के नियम और शर्तें इस योजना में लागू की है, उसके हिसाब से मध्य प्रदेश शासन के किसी भी स्थाई कर्मचारी के आश्रित को ₹500000 अनुग्रह राशि नहीं मिलेगी। हां यदि कोई दैनिक वेतन भोगी अथवा कलेक्ट्रेट पर काम करने वाला संविदा कर्मचारी मृत्यु का शिकार हुआ है तो उसके परिजनों को योजना का लाभ जरूर मिलेगा।

कलेक्टर दर पर काम करने वाले कर्मचारियों को अनुग्रह योजना का लाभ मिलेगा

कोरोना महामारी में नौकरी के दौरान मारे गए कर्मचारियों के आश्रितों को मुख्यमंत्री कोविड अनुग्रह योजना के तहत 5 लाख रुपए की राशि दिए जाने की घोषणा की गई है। मध्य प्रदेश के वित्त विभाग ने इस योजना के लिए नियम तैयार कर दिए हैं। वित्त विभाग के निर्देशों के मुताबिक दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर पर काम करने वाले कर्मचारियों के मामले में 5 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जाएगा।

सबसे सीनियर स्थाई शासकीय कर्मचारी को कोई लाभ नहीं मिलेगा

वे शासकीय सेवक, जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई है उसके परिवार को अनुग्रह राशि दिए जाने का जो फार्मूला तैयार किया गया है, उसके अनुसार यदि कर्मचारी की नौकरी 30 साल की हो गई थी, तब उसे 16 महीने की ग्रेच्युटी की पात्रता थी। यानी यदि उसका वेतन 30 हजार था तो राशि की गणना 4 लाख 80 हजार होगी। इसमें कर्मचारी का 2 लाख का जीएसआई बीमा रहता है तो इस राशि का योग 6 लाख 80 हजार होगा। यानी अनुग्रह राशि 5 लाख मिलेगी और कर्मचारी के देयकों का भुगतान 6 लाख 80 हजार रुपए होगा। यानी कर्मचारियों को अनुग्रह राशि का फायदा नहीं मिलेगा।

5 साल सेवा पूरी करने वालों को क्या मिलेगा

5 साल की सेवा पूरी करने वालों को ग्रेच्युटी नहीं मिलती है। ऐसे मामलों में 12 महीने की ग्रेज्युटी मिलेगी। जिनका मासिक वेतन 30 हजार था तो ग्रेच्युटी 3 लाख 60 हजार हो जाएगी। इसमें जीआईएस बीमा की 2 लाख की राशि मिलेगी तो योग 5 लाख 60 हजार हो जाएगा। यह राशि मिलने वाली 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि से 60 हजार रुपए ज्यादा है।

5 वर्ष से कम सेवा वालों को क्या मिलेगा

जिन कर्मचारियों की नौकरी 5 साल से कम थी, उन्हे ग्रेच्युटी की पात्रता नहीं रहती है। ऐसे कर्मचारियों को 2 लाख रुपए की बीमा राशि के अलावा 3 लाख रुपए का भुगतान सरकार करेगी।

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