कलेक्टर या SDM कब तलाशी वारंट जारी कर सकते हैं - LEARN CrPC SECTION 97

कलेक्टर जो डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट भी होता है एवं SDM उपखण्ड मजिस्ट्रेट (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का सहयोगी) होता है। क्योंकि कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने की जिम्मेदारी डीएम की होती है इसलिए डीएम को कई प्रकार की कानूनी शक्तियां प्रदान की गई है। इन्हीं में से एक शक्ति है, किसी भी व्यक्ति की तलाशी के लिए वारंट जारी करना। यह वारंट पूरे भारत देश के किसी भी क्षेत्र में मान्य होता है। आइए जानते हैं किस धारा के तहत और किन परिस्थितियों में इस प्रकार का तलाशी वारंट जारी किया जा सकता है:-

सदोष परिरुद्ध क्या है जानिए:-

किसी को आपराधिक के उद्देश्य से कैद या रोककर रखना सदोष परिरुद्ध होता है। वैसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 340 एवं 341 में हमने आपको बता ही दिया है कि किसी व्यक्ति को रोककर रखना उपर्युक्त धारा के अंतर्गत अपराध होता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति के नातेदार या संबंधित व्यक्ति को यह जानकारी है कि उसका मित्र या कोई रिश्तेदार को ऐसे स्थान पर छुपा रखा है जिसे वो अच्छी तरह से जानता है तब ऐसा कोई भी व्यक्ति SDM या कलेक्टर (जिला मजिस्ट्रेट) के समक्ष तलाशी वारंट जारी करने के लिए निवेदन कर सकता है।

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 97 की परिभाषा:-

यदि किसी जिला मजिस्ट्रेट (DM), उपखण्ड मजिस्ट्रेट(SDM) या प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को यह जानकारी होगी कि कोई व्यक्ति को ऐसे स्थिति में कैद करके रखा गया है अर्थात उसकी इच्छा के विरूद्ध सदोष परिरुद्ध किया है। तब उपर्युक्त मजिस्ट्रेट तलाशी वारण्ट जारी करेगा एवं पुलिस अधिकारी तलाशी पूर्ण होते ही व्यक्ति तुरंत मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
नोट:- इस धारा के अधीन जारी किये गए वारण्ट का निष्पादन सम्पूर्ण भारत के भीतर किसी भी स्थान पर हो सकता है।

उधरणानुसार:-  परिरुद्ध व्यक्ति एक प्रौढ औरत थी, जो अपने पति के साथ जाने के लिए इच्छुक नहीं है, मजिस्ट्रेट उसे पति के साथ जाने के लिए विवश नहीं कर सकता और उसे उसकी इच्छानुसार कही भी जाने के लिए छोड़ सकता हैं। कोई भी मजिस्ट्रेट एक प्रौढ औरत को उसकी इच्छा के विरुद्ध अभिरक्षा गृह भी नहीं भेज सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !