इन दिनों भारत के लोग काफी कुछ नया सीख रहे हैं। फंगस यानी फफूंद पर तो कभी किसी ने ध्यान दिया ही नहीं था। खाद्य पदार्थों पर अक्सर फफूंद लग जाती है। लोग फफूंद लगे हुए भाग को काटकर अलग कर देते हैं और बची हुई सामग्री का उपयोग करते हैं। बाजार में सब्जी और मास के विक्रेता भी ऐसा ही करते हैं। पिछले कुछ दिनों में पता चला है कि फंगस यानी फफूंद जानलेवा होती है। सवाल यह है कि यदि किसी ने गलती से फफूंद लगी हुई चीज को खा लिया है तो क्या उसे ब्लैक फंगस या उसके जैसी कोई दूसरी बीमारी हो सकती है। आइए पता लगाते हैं:-
फंगस लगी हुई चीज को लोग कैसे उपयोग करते हैं
भारत के ज्यादातर शहरों में सब्जियां व फल या चीज़ या फिर मीट जैसे कि हेम आदि पर यदि फंगस होती है तो दुकानदार या फिर उपयोग करने वाले लोग एक इंच की मोटाई तक काट कर प्रयोग किया जाता है। कहते हैं कि यह सुरक्षित है इसमें कोई खतरा नहीं है। इसके अलावा हॉट डॉग व बैकन, पास्ता या अनाज, दही व सॉस, क्रीम, नट्स या पीनट बटर, जैम, जैलीज़, ब्रेड आदि पर भी फंगस लग जाते हैं। लोग इनका भी उपयोग कर लेते हैं लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि फंगस लगने के बाद इनका किसी भी प्रकार से उपयोग करना खतरनाक है।
फंगस वाली चीज खाने से क्या बीमारी हो सकती है
किसी भी चीज पर से फंगस वाला हिस्सा हटा देने के बाद लोगों को लगता है कि उस चीज पर फंगस का प्रभाव खत्म हो गया है लेकिन असल में ऐसा नहीं रहता। फफूंद हटाने के बाद भी उसका कुछ ना कुछ अंश खाद्य सामग्री पर रह जाता है। इसे माइसेलियम कहते हैं।
डॉ राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि भोजन पर पाए जाने वाले फफूंद से एलर्जी होती है। इसके कारण आपको खुजली और आँखों में पानी, पित्ती या दानें, घरघराहट, बहती या भरी हुई नाक आदि समस्याएं हो सकतीं हैं। फफूंद में कुछ ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो आप के लिए बहुत गंभीर समस्या खड़ी कर सकते हैं। इनसे लीवर डैमेज, हृदय रोग, उल्टियां या जी मिचलाना जैसे बीमारियां हो सकती हैं। फफूंद का सबसे भयानक कीटाणु कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण भी बन सकता है। जो एफ्लाटॉक्सिन के रूप में जाना जाता है। फफूंद खाने से फूड पॉइजनिंग हो जाए और आप को उल्टी, जी मिचलाना, डायरिया आदि लक्षण भी देखने को मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि फंगस को खाने से ब्लैक फंगस नहीं होता लेकिन और बहुत सारी बीमारियां होती हैं। इसलिए फंगस हर स्थिति में नुकसानदायक है। यह फंगस की मात्रा और खाने वाले व्यक्ति के इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है कि फंगस उसके शरीर में कितना नुकसान पहुंचा पाता है। कुछ फंगस ऐसे भी होते हैं जिन्हें खाने की परमिशन दी गई है। बेहतर होगा इसके बारे में अपने डॉक्टर से सलाह करें।