लंच के बाद आराम, डिनर के बाद टहलने का काम, उल्टी परंपरा क्यों, लॉजिक पढ़िए - knowledge

After Lunch sleep a while After Dinner walk a mile

यानी दोपहर के भोजन के बाद थोड़ी सी नींद या विश्राम और रात के भोजन के बाद थोड़ा सा घूमना यह एक काफी प्रचलित परंपरा है। परंतु आइए जानते हैं कि इसके पीछे कौन सा विज्ञान छुपा है। पिछले आर्टिकल में हम यह तो जान ही गए कि  खाना खाने के बाद हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी क्यों हो जाती है।

हमारे शरीर की लगभग सभी जैविक क्रियाओं (Biological processes) को चलाने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है और ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत (90%) हमारे ब्रेन या दिमाग को होती है। परंतु जब हम खाना खाते हैं तो यह सारी ऑक्सीजन हमारे खाने को पचाने यानी कि जलाने के काम में आने लगती है। हमें आलस आने लगता है और हम कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाते हैं जिसमें दिमाग की जरूरत होती है। इसी कारण यह परंपरा बनाई गई है कि दोपहर के खाने के बाद थोड़ी देर सो जाना चाहिए। जिससे कि एक समय में सिर्फ एक काम हो और जल्दी से भोजन का पाचन होने लगे और उसके बाद की ऑक्सीजन हमारे ब्रेन के काम आ जाए और हम अपने बाकी बचे कामों को  पूरा कर सकें।

और रात तक लगभग हम अपने सारे जरूरी काम खत्म कर ही चुके होते हैं और फिर लंबे समय तक यानी 6 से 8 घंटे के लिए सोना ही है। इसलिए पहले थोड़ा सा घूम लें या टहलें ताकि पाचन क्रिया लगातार चलती रहे। सूर्यास्त के बाद शरीर की पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। इसलिए टहलने के लिए कहा जाता है परंतु याद रखिए दौड़ने या खेलने के लिए नहीं कहा जाता। शाम के समय घर के बाहर निकलने पर थोड़ी extra oxygen मिल जाती है जो खाना पचाने के काम आती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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