छतरपुर। मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले के चर्चित मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ नीरज पाठक हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया। डा. पाठक की हत्या के मामले में पुलिस ने उनकी पत्नी काे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में पत्नी ने बताया कि उसने एक वीडियाे देखा था।
जिसमें बताया था कि खाने में जहर देने के बाद यदि दाे दिन तक शव काे रखा रहने दिया जाए ताे पाेस्टमार्टम में जहर ट्रैस नहीं हाेता है। इसलिए 29 अप्रैल काे डा पाठक काे खाने में जहर देने के बाद दाे दिन तक शव काे रखे रहने दिया, इसके बाद पुलिस काे सूचना दी। इसी वजह से पीएम में जहर से माैत हाेना नहीं बताया गया था। डा. नीरज पाठक हत्याकांड में पुलिस ने उनकी प्रोफ़ेसर पत्नी ममता पाठक को गिरफ्तार कर लिया है।
डॉ. पाठक की हत्या के बाद से ही उनकी पत्नी पर हत्या करने की शंका थी। पूरे घटनाक्रम की कड़िया सबूत थी कि डॉ. पाठक को उनकी पत्नी ने ही मौत के घाट उतारा है। 7 मई को पुलिस ने ममता पाठक को हिरासत में ले लिया था। शनिवार को पुलिस ने अधिकृत तौर पर ममता पाठक की गिरफ्तार की पुष्टि कर दी है। ममता पाठक और उनके पति नीरज पाठक के बीच पिछले 11 साल से विवाद चल रहा था। वे दोनों अलग रहते थे।
सितम्बर 2020 में ममता पाठक और उनका बेटा एक बार फिर डॉक्टर नीरज पाठक के साथ उनके लोकनाथपुरम स्थित निवास पर रहने लगे थे। ममता पाठक अपने पति के चरित्र पर संदेह करती थीं, इसी को लेकर पिछले 11 साल में दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ तीन बार पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। नीरज पाठक की मौत के पहले ममता पाठक ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी, जिसमें डा नीरज पाठक पर उन्हें व उनके बेटे काे जहरीला पदार्थ खिलाने का आरोप लगाया था।
हत्याकांड के बाद रिश्तेदारों ने नीरज पाठक को कमरे में बंद कर प्रताड़ित करने, खाना न देने की बात पुलिस काे बताई थी। पुलिस ने नीरज पाठक हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी ममता पाठक ने स्वीकार किया है कि उसने नीरज पाठक के खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया। खाना खाकर नीरज जब अपने कमरे में अचेत हो गया तो वह दो बार देखने गई कि मौत हुई कि नहीं। इसके बाद नीचे से बिजली का एक्सटेंशन बोर्ड लेकर उस कमरे में पहुंची जहां नीरज अचेत अवस्था में पड़े थे, उस बोर्ड से नीरज काे करंट लगाया। नीरज की मौत होने के बाद वह अपने बेटे को लेकर झांसी गई। रास्ते में बेतवा नदी में वह एक्सटेंशन बोर्ड फेंक दिया।