भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल के राजीव गांधी विश्वविद्यालय परिसर में 9 साल की बच्ची खेलते-खेलते गमछे के फंदे में फंस गई। माता-पिता उसे फंदे से उताकर अस्पताल ले गए, लेकिन जान नहीं बच पाई। कुछ देर पहले तक वह बड़े भाई के साथ खेल रही थी। हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
गांधी नगर पुलिस के अनुसार कैलाश वंशकार मूलत: बैरसिया गांव कढ़ैया बैरसिया के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया, उनकी 9 साल की बेटी संजना वंशकार थी। वे यहां राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) परिसर में झुग्गी बनाकर रह रहे हैं। कैलाश ने बताया कि शुक्रवार दोपहर वह और पत्नी शालिनी काम पर गए थे।घर पर 11 साल का बेटा और 9 साल की बेटी संजना थी। शाम को घर पहुंचने पर बाहर बेटा बर्तन धोते मिला। संजना के बारे में पूछने पर बोला कि वह अंदर है। अंदर पहुंचने पर संजना बांस पर बंधी गमछे में फंसी थी।
गमछा उसके गले में फंसा था। संजना को फंदे से निकालकर परिजनों के साथ पास के निजी अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बेटे ने पिता को बताया कि उनके जाने के बाद वह बहन के साथ खेलने लगा। वह घर में ही खेल रहे थे। कुछ देर पहले ही वह बर्तन धोने के लिए बाहर आया। उस दौरान संजना घर के अंदर ही थी। पुलिस के अनुसार अब तक जांच में मामला हादसा जैसा लग रहा है। हालांकि मामले की FSL जांच भी कराई जा रही है।