डॉक्टरों का कहना है और कानून भी यह बात मानता है कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों में सही और गलत समझने की क्षमता कम होती है। मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति भी वही कहा जाता है जिसकी सोचने समझने की क्षमता सामान्य से कम होती है। कुछ अपराधी ऐसे होते हैं जो अपने फायदे के लिए या किसी अन्य कारण से बच्चों को अथवा मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसा देते हैं। मानवता की दृष्टि से यह एक बेहद निंदा योग्य और अक्षम्य अपराध है। ऐसा व्यक्ति समाज में रहने के लायक नहीं है। आइए जानते हैं भारतीय दंड संहिता में इस तरह के अपराधियों के लिए कौन सा दंड प्रावधान किया गया है।
भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 305 की परिभाषा:-
कोई व्यक्ति ऐसे व्यक्ति को जो मानसिक रूप से विकृत हो, मंदबुद्धि वाला हो, पागल हो या कोई बच्चा जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो। ऐसे व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाना और परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो जाए तब उकसाने वाला व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दंडनीय होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 305 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध है, इनकी सुनवाते का अधिकार सत्र न्यायालय को होता है। सजा- इस अपराध के लिए मृत्यु दंड या आजीवन कारावास या कम से कम दस वर्ष की कारावास साथ में जुर्माने से दाण्डित किया जा सकता है।
:- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी