रेलवे स्टेशन में EXIT पर टिकट चेक क्यों करते हैं, ENTRY पर क्यों नहीं करते

जीवन में आपने सभी प्रकार की यात्राएं की होंगी। सड़क परिवहन, हवाई जहाज यहां तक की मेट्रो ट्रेन में भी प्रवेश द्वार पर टिकट चेक किया जाता है यदि आपके पास टिकट नहीं है तो आपको यात्रा करने से रोक दिया जाता है परंतु भारतीय रेल में ऐसा नहीं होता बल्कि इसका उल्टा होता है। प्रवेश द्वार पर आपको कोई नहीं रोकता। बाहर निकलते समय टिकट चेक किया जाता है। आइए यह समझने की कोशिश करते हैं कि भारतीय रेलवे सारी दुनिया से उल्टा सिस्टम क्यों चलाता है।

भारतीय रेल यात्रियों को ईमानदार बनाने की कोशिश करता है 

किसी फिलोसोफर से पूछेंगे तो शायद वो कहेगा कि भारतीय रेल अपने यात्रियों यानी भारत के नागरिकों को ईमानदार बनाने की कोशिश करता है। प्रवेश द्वार पर वह हर नागरिक पर विश्वास करता है कि वह नियमों का पालन करेगा। निकासी द्वार पर वह रैंडम तरीके से जांच करता है कि क्या सभी यात्री ईमानदार हैं। सिर्फ बेईमानों को पकड़कर दंडित किया जाता है। जवाब कितना अच्छा है, लॉजिकल भी रखता है लेकिन सही नहीं है।

रेलवे स्टेशन में EXIT GATE पर टिकट चेक क्यों होते हैं, सही जवाब 

सब जानते हैं कि भारतीय रेल दुनिया की सबसे पुरानी रेल सेवाओं में से एक है। यह भी सब जानते हैं कि यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन एवं प्लेटफार्म लगातार अपडेट किए जाते हैं परंतु लोग यह नहीं जानते कि रेलवे के काम करने का सिस्टम आज भी वही पुराने वाला है। उसमें कोई अपडेट नहीं हुआ। वर्षों पहले पहले जब टेलीफोन नहीं हुआ करते थे, तब ट्रेन के ड्राइवर को रिमाइंड कराने के लिए एक कर्मचारी (जिसे हरकारा कहा जाता है) उसके घर जाता था। आज स्मार्टफोन के जमाने में भी रेलवे में हरकारे की नियुक्ति होती है। ऐसे 100 से ज्यादा पॉइंट है जो साबित करते हैं कि रेलवे का काम करने का सिस्टम आज भी अपडेट नहीं हुआ है।

अब पढ़िए सवाल का सीधा जवाब 

पुराने जमाने में गत्ते वाले टिकट (कार्ड टिकट) बांटे जाते थे। इसके तहत बुकिंग कार्यालयों में प्रत्येक स्टेशनों के लिए पुराने गत्ते वाली टिकट का अलग कॉलम होता था। यात्री जिस स्टेशन का टिकट मांगता था उस कॉलम से टिकट निकाल कर एक मशीन के द्वारा डेट छापकर यात्रियों को टिकट दिए जाते थे। गत्ते वाले टिकट बनाना आसान काम नहीं था इसलिए निकासी द्वार पर एक टिकट कलेक्टर खड़ा होता था। वह जाने वाले सभी यात्रियों से गत्ते वाला टिकट वापस ले लेता था ताकि उसे फिर से उपयोग किया जा सके। रेलवे ने टिकट बदल दिया लेकिन सिस्टम नहीं बदला।  Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article 

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