क्या पुलिस अधिकारी भी मजिस्ट्रेट की तरह आरोपी को जमानत पर रिहा कर सकता है - सरल हिंदी में पढ़िए CrPC 1973 Section 71

कई बार यह बात सामने आती है। कभी-कभी कुछ लोग टीवी न्यूज़ में या फिर अखबारों में इस तरह के बयान भी देते हैं, कि उनके सामने पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था, उसे थाने ले जाया गया था लेकिन फिर छोड़ दिया गया। दरअसल, ऐसा उन मामलों में होता है जिनमें आरोपी के खिलाफ जमानती धाराओं में अपराध दर्ज किया गया हो। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 71 के तहत पुलिस अधिकारी को इस बात के अधिकार दिए गए हैं कि वह निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करके आरोपी को जमानत पर रिहा कर सकता है लेकिन यदि प्रकरण गैर जमानती धाराओं में दर्ज किया गया है तो फिर पुलिस अधिकारी, आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं कर सकता। आरोपी को सक्षम न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर जमानत प्राप्त करनी होगी।

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 71 की परिभाषा:-

जमानत के लिए पुलिस अधिकारी को दी जाने वाली शक्ति-
(1) अगर पुलिस अधिकारी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करता है, जिसने कोई जमानतीय अपराध किया हैं तब पुलिस अधिकारी एक पृष्ठांकन (विधिक नियम का कागत) द्वारा बधपत्र को जमानतदार से पूरा करवा कर आरोपी को तुरंत जमानत पर छोड़ दिया जाएगा। 

(2). पृष्ठांकन की निम्न बिंदु होगी:-

क. जमानतदार की संख्या।
ख. वह रकम या राशि जो जमानतदार जमानत के तौर पर दे रहा है।
ग. वह समय अंकित होगा जब आरोपी को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना है।
3. इस धारा के अंतर्गत अगर किसी व्यक्ति को पुलिस अधिकारी द्वारा जमानत पर छोड़ दिया जाता है तब पुलिस अधिकारी बंधपत्र को न्यायालय भेज देगा।
इस तरह पुलिस अधिकारी को  धारा 71 के अंर्तगत शक्ति दी गई है कि वह जमानतीय अपराध है आरोपी को तुरंत जमानत पर छोड़ सकती है अगर कोई व्यक्ति की जमानत लेने वाला व्यक्ति नहीं है तब पुलिस अधिकारी मुचलका अर्थात स्वंय द्वारा दी गई जमानत पर भी छोड़ सकती है बस जमानत लेने वाले आरोपी को नियम के पालन करना होगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !