क्या कोई व्यक्ति अपने ही रुपयों या आभूषण की चोरी का अपराधी हो सकता है, जानिए - ASK IPC

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के सत्रहवें अध्याय में धारा 378 से 462 तक संपत्ति के विरुद्ध अपराधों के विषय में बताया गया है, आज के लेख में हम आपको दण्ड संहिता की धारा 378 चोरी की धारा के बारे में जानकारी देंगे। अक्सर देखा जाता है चोरी, लूट, डकैती, ये सभी एक जैसे ही लगते हैं लेकिन इनमें बहुत अलग-अलग अंतर होता है। आज के लेख के हम चोरी की परिभाषा को ही स्पष्ट करेंगे, जिससे संबंधित अपराधों एवं दण्डों को प्रतिदिन के लेख में बताएगे। 

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 378 की परिभाषा:-

याद रखने योग्य बात यह है कि चोरी हमेशा चल संपत्ति की होती है न कि अचल की, चल सपत्ति के अंतर्गत पैसे, दस्तावेज, आभूषण, वस्तुएं आदि जिसको एक स्थान से दूसरे स्थान के जा सके आती है। चोरी के लिए चार आवश्यक तत्व होते हैं:-
1.कोई भी संपत्ति को बेईमानी के उद्देश्य से प्राप्त करना।
2. संपत्ति जंगम (चल) होना आवश्यक हैं।
3.कोई भी चल संपत्ति या वस्तु को दूसरे व्यक्ति के कब्जे से हटाई गई हो।
4.कोई भी चल संपत्ति को संपत्ति के स्वामी की आज्ञा के बिना ले जाना ओर गबन कर लेना।
चोरी के लिए उपर्युक्त तत्वों का होना अति आवश्यक है, इन तत्त्वों के कारण ही चोरी का अपराध पूर्ण होता है।

कोई व्यक्ति अपनी ही सम्पति की चोरी का अपराधी हो सकता है जानिए:-

कोई व्यक्ति, यदि किसी अन्य व्यक्ति से अपनी संपत्ति बेईमानी से लेता है, तो उसे चोरी के अपराध के लिए सिद्ध दोष किया जा सकता है। जहाँ आरोपी ने एक पुलिस सिपाही से एक बंडल उसकी सम्मति के बिना ले लिया जो वास्तव मे उस व्यक्ति का स्वंय का था किन्तु जो सिपाही के कब्जे में था ओर वह उन बंडल का उत्तरदायी था, न्यायालय द्वारा यह निर्णय दिया गया कि आरोपी ने चोरी का अपराध किया है, भले ही वह बंडल उसका स्वयं का था लेकिन की उत्तरदायी पुलिस सिपाही की सुरक्षा में था न कि अन्य सिपाही की।

इसी प्रकार एक और उधरणानुसार देखे:- किसी व्यक्ति ने अपने गहने किसी अन्य व्यक्ति के पास गिरवी रखे हैं और वह ऋण चुकाए बगैर उस व्यक्ति की सहमति के बिना अपने गहनों को उठा लाता है तो वह आभूषण (जिसका स्वामी वह स्वयं है) चोरी के अपराध का दोषी माना जाएगा। लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !