BHOPAL के पांचवीं फेल टेक्सी ड्राइवर ने GWALIOR में कई अफसरों को चूना लगाया, गिरफ्तार - MP NEWS

ग्वालियर।
 मप्र के ग्वालियर में पढ़े लिखे अफसरों, व्यापारियों, इंजीनियरों को एक पांचवीं फेल ने अपने जाल में फंसाकर ठग डाला। यह ठग OLX व अन्य सोशल मीडिया पर उपयोग किए सामान जैसे टीवी, फ्रिज, मोबाइल, फर्नीचर सस्ते दाम में बेचने का झांसा देता था और एडवांस पेमेंट के नाम पर ठग लेता था।  
 
राज्य साइबर पुलिस ग्वालियर जोन ने ठग को भोपाल में कोलार रोड से बुधवार रात गिरफ्तार किया है। यह पिछले एक साल में पूरे देश में 300 से अधिक लोगों को झांसे में लेने का प्रयास कर चुका है। जिनमें से 50 लोग इसके शिकार हो चुके हैं। फिलहाल इससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधीक्षक राज्य साइबर पुलिस जोन ग्वालियर सुधीर अग्रवाल ने बताया कि कुछ समय पहले थाटीपुर निवासी रामेन्द्र सिंह यादव की शिकायत आई थी। इसमें सोशल मीडिया के किसी माध्यम पर उन्हें एक युवक ने दोपहिया वाहन, फ्रिज, लैपटॉप सिर्फ 90500 रुपये में बेचने का ऑफर दिया। साथ ही बताया कि वह शासकीय नौकरी में है और उसका ट्रांसफर होने पर वह इसे सस्ते में बेच रहा है। दोनों के बीच डील हुई। रामेन्द्र से यह राशि एडवांस के रूप में ट्रांसफर करा ली। पर इसके बाद उसने नंबर बंद कर लिया। 

ठगी का अहसास होने पर रामेन्द्र साइबर पुलिस के पास पहुंचे। इस मामले की जांच शुरू की गई तो साइबर पुलिस को जानकारी मिली कि प्रदेश की राजधानी (भोपाल) में बैठकर ठगी का रैकेट चल रहा है। इस पर बुधवार रात को साइबर पुलिस जोन ग्वालियर की टीम ने भोपाल पहुंचकर वहां की साइबर पुलिस की मदद से कोलार रोड से 34 वर्षीय अमित पुत्र सुभाष गांधी को गिरफ्तार कर लिया। इसने पूछताछ में ठगी करना कुबूल किया है।

ठग अमित गांधी पांचवीं फेल है, लेकिन वह बहुत शातिर है। भोपाल में वह टैक्सी चलाता है, लेकिन मूवी, समाचार-पत्र, यू-ट्यूब पर वीडियो देख-देखकर वह ठगी के तरीके सीखते गया। जब भी वह समाचार-पत्रों में ठगी की खबर पढ़ता था तो ठगे गए युवक की अवस्था पर उसे हंसी आती थी। जिसके बाद उसकी सोच बन गई थी कि आम आदमी ठगी का शिकार होने के लिए ही घूम रहा है। बस उसे ठगने वाला चाहिए। उसने जामताड़ा वेब सीरीज कई बार देखी और उससे बहुत सारे ठगी के तरीके सीखे हैं।

ठग ने पूछताछ में बताया कि शिकार तलाशने के लिए उसे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती थी। वह अखबारों में उठावनी, पुण्यतिथि व अन्य विज्ञापन से नंबर निकाल लेता था। इन नंबर को सेव कर वॉट्सएप व अन्य माध्यम से उपयोग किए हुए सामान के फोटो, कीमत बताकर लोगों को फंसा लेता था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर विभिन्न एप जो ऑनलाइन उपयोग किया हुआ सामान बेचते हैं उन पर फर्जी नंबर से रजिस्ट्रेशन करता था और सामान बेचने का झांसा देकर ग्राहक को फंसाकर ठगी करता था।

आरोपित सामान दिखाकर बोलता था कि वह ट्रांसफर होने पर बाहर जा रहा है। इसलिए सस्ते में सामान बेच रहा है। इसके बाद जब शिकार जाल में फंस जाता था तो उससे 50 फीसद एडवांस जमा करने के लिए कहता था। एक बार 50 फीसद रकम आ गई तो फिर पूरे रुपये मांगता था। नहीं तो यह 50 फीसद भी डूब जाने की बात कहकर डराता था। इस पर वह लोगों से पैसे ऐंठ लेता था।

11 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!