भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल की जिला अदालत ने नाबालिग भतीजी से रेप करने वाले सगे फूफा कौशल शर्मा को तीन बार आजीवन कारावास और आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो) कुमुदनी पटेल की कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने फूफा के अलावा, दोषी पड़ोसी युवक इंजीनियरिंग के छात्र राहुल कुमार को 20 साल की जेल की सजा सुनाई। तीसरे आरोपी के नाबालिग होने की वजह से उसका मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। जज कुमुदिनी पटेल ने फैसले की कॉपी प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा को भेजी है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में इस फैसले को नजीर की तरह पेश कर छात्रों में जागरुकता फैलाएं।
शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक टीपी गौतम और राज्य समन्वयक (महिला अपराधों संबंधी) मनीषा पटेल ने अदालत में दलील दी कि वर्तमान सरकार बच्चों और महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों के प्रति काफी सख्त है। इन्होंने एक 9 साल की बच्ची के साथ लगातार एक साल तक शारीरिक शोषण किया। फूफा कौशल शर्मा बच्ची का संरक्षक भी था। उसने रिश्ते को कलंकित करते हुए ऐसी घटना को अंजाम दिया।
भोपाल में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले इंजीनियरिंग छात्र को 20 साल का कारावास
पुलिस के मुताबिक, नाबालिग बच्ची से ज्यादती कर रहे फूफा को देखकर पड़ोसी इंजीनियरिंग के छात्र ने भी उसे हवस का शिकार बनाया था। जब बच्ची ने दोनों की करतूत पड़ोस में रहने वाले एक नाबालिग को बताई तो उसने भी बच्ची के साथ ज्यादती की थी। जस्टिस पटेल ने केस में 19 वर्षीय अभियुक्त राहुल कुमार को 20 साल जेल की सजा सुनाई। लिखा कि इस केस के फैसले को देश की भावी पीढ़ी को भी संज्ञान लेना चाहिए ताकि फिर से ऐसी घटनाएं न घटें। राहुल प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज का अंतिम वर्ष का छात्र था।
जस्टिस पटेल ने निर्णय की कॉपी प्रमुख सचिव- स्कूल शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव- उच्च शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव-तकनीकी व कौशल विभाग को इस निर्देश के साथ भेजी गई है कि छात्रों को अवगत कराएं कि ज्यादती की परिभाषा में संशोधन कर कठोर दंड आदेश का प्रावधान किए गए हैं, जो कि उनके पूरे जीवन को नष्ट कर सकती है।
दहला देने वाली घटना साकेत नगर की
राज्य समन्वयक मनीषा पटेल ने बताया गया कि 22 मई 2018 को चाइल्ड लाइन को टोल फ्री नं 1098 अपराध की सूचना हुई थी। साकेत नगर में एक बच्ची के साथ उसके फूफा और पडोस में रहने वाले दो लड़कों द्वारा गलत काम किया जा रहा है। तब चाइल्डलाइन में कार्य करने वाली मधु बौद्ध थाना बागसेवनिया आकर पुलिस वालों के साथ बच्ची के घर पहुंची, जहां पूछताछ पर फरियादी बच्ची ने बताया कि उसके माता-पिता की मृत्यु के बाद वह अपने सगे फूफा कौशल शर्मा के यहां रहने आई थी। जब वह 9 साल की थी, तब एक दिन उसका फूफा कौशल शर्मा उसके पास आया और उसका मुंह दबाकर उसके सारे कपड़े उतारकर उसके साथ गलत काम किया।
इसी बीच, एक दिन जब फूफा गलत काम कर रहा था तब पड़ोस का रहने वाला राहुल कुमार ने देख लिया और वह भी बच्ची को अपने कमरे में ले जाकर उसके साथ ज्यादती करने लगा। जब बच्ची ने पड़ोस में रहने वाली एक भइया को घटना बताई तो उसने भी उसके साथ गलत काम किया। आखिर में पड़ोस की श्रेया दीदी को पूरी घटना बताई। उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन में फोन किया था। सूचना पर थाना बागसेवनिया ने आरोपी फूफा कौशल शर्मा और राहुल के विरूद्ध धारा 376-क ख, 376(ग) (3), 376 (एन) एवं धारा 5 एलएन, धारा 6 पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर विवेचना में ले लिया।
इसी बीच, जिला दंडाधिकारी ने अपराध को जघन्य और सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में रखा। इसके बाद आरोपीगणों को डीएनए कराया गया, जिसमें आरोपी फूफा का डीएनए पीड़िता के कपड़ों में से मैच हुआ था। अभियोग पत्र विशेष कोर्ट (पाॅक्सो) में पेश किया गया था। एक अन्य आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसके विरुद्ध केस दर्ज कर जुवेनाइल कोर्ट ( बाल न्यायालय) में पेश किया गया