यदि किसी के पास खोटे बांट या तराजु मिल जाए तो उसका क्या होगा, यहाँ पढ़िए / ABOUT IPC

नापतोल के खोटे उपकरण से ग्राहक को नुकसान पहुंचाना अपराध की एक श्रेणी है परंतु यदि कोई व्यक्ति इस तरह के उपकरण अपने पास रखता है (स्वयं उपयोग नहीं करता लेकिन) जिनका उपयोग करने से नापतोल में गड़बड़ी की जा सकती है तो भारतीय दंड संहिता के अनुसार खोटे उपकरण रखने वाला व्यक्ति भी अपराधी माना जाता है। पढ़िए ऐसे व्यक्ति के खिलाफ किस धारा के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और कितनी सजा दी जा सकती है। 

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 266 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति कपटपूर्ण या बेईमानी की भावना से अपने पास खोट बांट या माप को अपने पास रखेगा एवं उस व्यक्ति का उद्देश्य खोटे बाट या माप से किसी ग्राहक को या अन्य व्यक्ति को धोखा देना हो। तब ऐसा व्यक्ति धारा 266 के अंतर्गत दोषी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 266 के अंर्तगत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- एक वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

उधारानुसार वाद:- बंशीधर बनाम राजस्थान राज्य- इस वाद में आरोपी एक लायसेंस धारी अफीम विक्रेता था, वह अपनी दुकान में दो प्रकार के बाट रखता था, असली और नकली वह जहां बैठता था वहाँ एक बोरी के नीचे रखता था। जिनका वह अवसर मिलते ही लाभ उठता था। न्यायालय ने आरोपी को खरे और खोटे बाट को साथ रखने के अपराध में दोषी ठहराया क्योंकि  आरोपी  बेईमानी की भावना से काम कर रहा था।
बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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