मध्यप्रदेश में कॉलेज स्टूडेंट्स को जनरल प्रमोशन नहीं मिलेगा, पढ़िए कहां उलझ गया / MP NEWS

mp college general promotion news

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कर दी है कि तमाम यूनिवर्सिटी द्वारा किसी भी प्रकार की परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा और सभी कॉलेज स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में एडमिशन दिया जाएगा परंतु सरकार की यह घोषणा कानून की किताब मिलाकर उलझ गई है। यूनिवर्सिटी एक्ट यानी विश्वविद्यालय अधिनियम में इसके लिए कोई प्रावधान ही नहीं है और नियम विरुद्ध सरकार की घोषणा के आधार पर जनरल प्रमोशन नहीं दिया जा सकता। एक बात स्पष्ट है कि जनरल प्रमोशन नहीं दिया जा सकता।

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में अब क्या हो रहा है

मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियाें के बीच हुई चर्चा में यह स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा नहीं हाेने पर भी इसे जनरल प्रमाेशन नहीं कहा जाएगा। बिना परीक्षा के पिछली परीक्षा के अंकाें और सीसीई के आधार पर अंक देकर रिजल्ट बनेगा लेकिन इसमें भी एक बड़ी समस्या है, बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने से पहले विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करना होगा। यह एक लंबी प्रक्रिया हो गई। प्रपोजल बनाना, कैबिनेट में मंजूर करना और फिर विधानसभा में पारित करना आसान काम नहीं है।

कोई तो रास्ता होगा

उच्च शिक्षा विभाग विद्वानाें और शिक्षाविदाें की कमेटी बनाकर विवि अधिनियम, यूजीसी की गाइडलाइन और एमएचआरडी के प्रावधान खंगालने में लगा है। परीक्षा नहीं करवाने और बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने के अधिकृत आदेश जारी हाेने और अधिनियम में संशाेधन हाेने की प्रक्रिया पूरी हाेते ही रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हाेगी।

यूनिवर्सिटी एक्ट में संशोधन कैसे होगा

मुख्यमंत्री की बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने की घोषणा के आदेश जारी होने के बाद यूजीसी और एमएचआरडी की गाइडलाइन, 12वीं सीबीएसई की परीक्षा रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर उच्च शिक्षा की विशेष कमेटी रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया और अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव तैयार करेगी। जिसे कार्य परिषद, समन्वय समिति में पारित होने के बाद राज्यपाल से अनुमोदित किए जाने पर संशोधन की प्रक्रिया होगी।

इसलिए जरूरी है अधिनियम में संशोधन 

स्वतंत्रता और मप्र के गठन के बाद बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने, जनरल प्रमोशन देने की स्थिति किसी सर्वव्यापी आपदा या युद्ध में भी नहीं बनी। ना ऐसा आवश्यकता लगी। 70 साल में पहली बार 2020 में कोविड संक्रमण के कारण छात्रों की सुरक्षा के लिए बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाना जरूरी है। जो अधिनियम में संशोधन से संभव है। बिना संशोधन के ऐसा करना नियम विरुद्ध होगा जिसे कोर्ट में चैलेंज  कर सकते हैं। रिजल्ट बन जाने के बाद छात्र, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षा विभाग को कोई कानूनी समस्या ना हो इसलिए संशोधन की प्रक्रिया जरूरी है। 

29 जून को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

ठंडा और गर्म पानी एक साथ फ्रीजर में रखें तो पहले कौन सा बर्फ बनेगा
क्या सचमुच बारिश के साथ केंचुए भी गिरते हैं, यदि नहीं तो अचानक कहां से आते हैं
मध्यप्रदेश में नायब तहसीलदार की पत्नी का बलात्कार
भोपाल के फ्लैट में दो भाइयों की 8 दिन पुरानी लाशें मिली, 1 फर्श पर दूसरा फंदे से लटका मिला
इंदौर के बड़े व्यापारी और स्कूल के संचालक ने सुसाइड किया
GWALIOR में बारिश कम होती है फिर अकाल क्यों नहीं पड़ता, जबकि पहले पड़ता था
मध्य प्रदेश का मंत्रिमंडल विस्तार: लिस्ट में किस-किस का नाम, शपथ ग्रहण कब होगा
'धन्यवाद' के लिए अंग्रेजी में Thank You और Thanks दो शब्द क्यों है
आकाशीय बिजली में कितना करंट होता है, वह जमीन पर ही क्यों गिरती है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
ग्वालियर में मुरैना-भिण्ड से आने वालों पर प्रतिबंध, क्वारेंटाइन किए जाएंगे
भोपाल विधान एलीना सोसायटी में चौथी मंजिल से 5 लोगों सहित नीचे गिरी लिफ्ट
इंदौर में जज के बेटे ने स्ट्रीट डॉग को गोली मार दी, पालतू कुत्ते पर भोंक रहा था
मध्य प्रदेश कोरोना: 13000 से ज्यादा पॉजिटिव, 2500 से ज्यादा एक्टिव, मुरैना में त्राहिमाम

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !