महिलाओं की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने किस-किसको तैनात किया है, ध्यान से पढ़िए- THE CONSTITUTION OF INDIA

किसी भी आपराधिक घटना क्रम में पीड़ित व्यक्ति की मदद करना जागरूक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है लेकिन कानूनी बाध्यता नहीं है परंतु सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित किया है कि महिलाओं की रक्षा करना कानूनी बाध्यता है। कोई भी खड़े होकर तमाशा नहीं देख सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। 

महिलाओं को रक्षा का अधिकार- पुलिस उप महानिरीक्षक बनाम एस. सामूथीराम मामला
पुलिस उप महानिरीक्षक बनाम एस. सामूथीराम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह अभिनिर्धारित किया कि प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा एवं सम्मान से जीवन जीने का अधिकार उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 से मिला है। अगर केंद्र या राज्य में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ वाली घटनाएं होती है तो यह अनुच्छेद 14 एवं 15 के अधीन गारण्टी किए गए अधिकार का अतिलंघन होगा। 

उच्चतम न्यायालय ने दो न्यायधीशों की न्यायपीठ द्वारा महिलाओं से छेड़छाड़ को रोकने के लिए राज्य एवं केंद्र लोक-हित में निम्न निर्देश का पालन करवाये:-
1. सभी राज्य सरकारें एवं केन्द्र क्षेत्र बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, पार्को, समुद्र, नदी, तालाब किनारों, एम्बुलेंस, परिवहन, पूजा के स्थानों आदि पर सादे वस्त्रों में महिला पुलिस अधिकारी को लगाएंगे जिससे कि वे महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालो की मॉनिटर तथा पर्यवेक्षण कर सके। यदि किसी थाने की पुलिस ऐसा नहीं करती तो उस थाने के इंचार्ज इंस्पेक्टर के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही के लिए शिकायत की जा सकती है। 

2. सभी राज्य सरकारें एवं केन्द्र क्षेत्र बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, पार्को, समुद्र, नदी, तालाब किनारों, एम्बुलेंस, परिवहन, पूजा के स्थानों, सभी लोक स्थान जैसे शिक्षा संस्था, कोचिंग संस्थान, सार्वजनिक स्थान, मार्ग आदि पर CCTV कैमरे लगवाएं जिससे अपराधी या आरोपी का आसानी से पता लगाया जा सके। साथ में उपर्युक्त स्थानों पर महिलाओं से छेडछाड से सतर्कता प्रदर्शित करने वाले बोर्डो को लगवाए जिसमे निकटतम थाने का नंबर एवं महिला हेल्पलाइन नंबर को भी प्रदर्शित करे। 

3. अगर कोई व्यक्ति यात्री बस में महिला से छेड़छाड़ कर रहा है तब उस बस चालक का कर्तव्य है कि बस को वह आरोपी सहित निकटतम थाने में ले जाकर खड़ा करे एवं संबंधित थाने को इसकी सूचना तुरंत दे। अगर कोई बस चालक ऐसा नहीं करता है तब उस बस का परमिट निरस्त करने की कार्रवाई करें।

4. कोई भी आमव्यक्ति का यह कर्तव्य होगा की अगर कोई किसी महिला से सार्वजनिक स्थान पर छेड़खानी कर रहा है वह इसकी सूचना तुरंत नजदीकी थाने में दे या महिला हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत करे।

5. राज्य सरकार तथा केंद्र क्षेत्र के संबंधित प्राधिकारियों जिनमे राज्य पुलिस कमिश्नर, जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक आदि भी सम्मिलित है, उपर्युक्त निर्देशो का कठोरता से पालन करवाएगा।  :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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