SDM किसी भी बाधा को हटा सकता है, चाहे वह अतिक्रमण हो या ना हो - CrPC 1973, SECTION 142

किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा ऐसे व्यक्ति की जाँच करवाई जाती है जिसके कारण पब्लिक पैलेस में बाधा उत्पन्न हो रही है लेकिन मजिस्ट्रेट द्वारा जांच करवाने में अधिक समय लग सकता है और लोक-न्यूसेंस का खतरा इतना गंभीर है कि तुरंत आम नागरिकों को बहुत गंभीर क्षति हो सकती है तब मजिस्ट्रेट ऐसी स्थिति में धारा 142 के अंतर्गत दोबारा आदेश जारी करेगा।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 142 की परिभाषा

1. अगर किसी व्यक्ति के विरुद्ध धारा 133 के अंतर्गत लोक-न्यूसेंस का आदेश मजिस्ट्रेट द्वारा भेजा गया है। तब मजिस्ट्रेट को लगता है कि व्यक्ति द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों की जाँच में अधिक समय लग सकता है एवं बाधा को तुरंत हटवाना अतिआवश्यक है। तब मजिस्ट्रेट धारा 142 के अंतर्गत व्यक्ति को दोबारा आदेश भेज सकता है, एवं व्यक्ति से अपेक्षा करेगा कि वह लोक-न्यूसेंस में बाधा उत्पन्न करने वाली सामग्री की हटवा दे।

2. अगर धारा 142 के अंतर्गत भेजे गए आदेश का व्यक्ति तुरंत पालन नहीं करता है तब कार्यपालक मजिस्ट्रेट खुद ऐसे सांधनो द्वारा लोक-बाधा की हटवा सकता है जैसा वह ठीक समझे।

3. मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 133 की जाँच में लंबित समय से पहले किया गया सावधानीपूर्वक कार्य  किसी भी प्रकार का अपराध नहीं होगा एवं न ही मजिस्ट्रेट के खिलाफ कोई वाद दायर कर सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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