पत्नी रूठकर मायके चली जाए तो क्या यह तलाक का आधार हो सकता है, पढ़िए अभित्यजन THE HINDU MARRIAGE ACT, 1955

अभित्यजन से तात्पर्य है कि विवाह के दूसरे पक्षकार ने याचिकादाता का बिना किसी कारण के उसकी सम्मति के बिना या उसकी इच्छा के विरुद्ध त्याग कर दिया गया हो या वैवाहिक साहचर्य को बिना कारण के समाप्त कर देना अभित्यजन (परित्याग) होता है जानिए।

हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 के अंतर्गत विवाह-विच्छेद या न्यायिक पृथक्करण की तीसरे आधार "अभित्यजन" की परिभाषा:-

पति या पत्नी  बिना कोई कारण के 2 वर्ष या उससे अधिक अलग-अलग रहना अभित्यजन अर्थात परित्याग होता है, तब वही तलाक या न्यायिक पृथक्करण का तीसरा आधार होगा :-

अभित्यजन (परित्याग) दो तरह के होते हैं-

1. वास्तविक अभित्यजन: वह अभित्यजन जो पति या पत्नी द्वारा स्वयं की इच्छा से किया गया हो वह वास्तविक अभित्यजन होता है।
उधारानुसार- पति अपनी पत्नी के साथ रहता है एवं उसे व्यापार, अध्ययन या अन्य किसी कारण से एक निश्चित समयावधि के लिए बाहर जाना पड़ सकता है, पर वह वापस लौटने का आशय रखता है या वह सदा के लिए बाहर नहीं जा रहा है, लेकिन किसी कारणवश वापस नहीं लौट पाता है तब अभित्यजन माना जा सकता है।
पति एवं पत्नी एक ही आवास में निवास करने पर भी अभित्यजन के दोषी हो सकते हैं, यदि वे अपने दाम्पत्य कर्तव्यों को नहीं निभाते है।

• पत्नी स्वयं पति को छोड़कर चली जाती है एवं वह पति के पास वापस आने के लिए इच्छुक नहीं है तब पत्नी की ओर से यह अभित्यजन होगा लेकिन पति या पत्नी किसी नियोजन, नौकरी के कारण एक दूसरे से अलग रहना अभित्यजन नहीं होगा।

• अगर पत्नी, पति के साथ रहना चाहती है लेकिन पति के माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती है एवं इस कारण से पत्नी अपने पति को छोड़कर अपने मायके माता पिता के घर चली जाती है तब यह पत्नी द्वारा अभित्यजन का अपराध होगा।

2. रचनात्मक अभित्यजन: पति या पत्नी, पत्नी या पति के साथ ऐसा व्यवहार करना शुरू कर देता है कि पत्नी या पति का साथ रहना असंभव हो जाता है एवं पत्नी को पति का घर छोड़ना पड़ता है या पति अपनी पत्नी को त्यागने के लिए विवश हो जाये तब पति या पत्नी रचनात्मक अभित्यजन के दोषी होंगे।

उधारानुसार:- अगर पति अपनी पत्नी से उदासीनता का व्यवहार करने लगता है, उससे बातें नहीं करता, उस का ध्यान रखना बन्द कर दे, खर्चे उठाने में बुरा व्यवहार करने लगे आदि रचनात्मक अभित्यजन होगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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