क्या किसी नागरिक को विदेश में पर्यटन पर जाने से रोका जा सकता है, पढ़िए Constitution of India

विदेश घूमना कई नागरिक का एक सपना होता है, हम देखते हैं कि हमारे देश में भी बहुत से विदेशी नागरिक आते हैं और यहाँ के पर्यटन स्थलों, मंदिरो आदि स्थानों पर भ्रमण करते हैं। ऐसे ही हमारे देश के नागरिक भी लंदन, पेरिस, जापान आदि विदेशों में पर्यटन के लिए जाते हैं। 

प्रश्न यह है कि क्या कोई केंद्र या राज्य सरकार नियम या कानून बनाकर अपने नागरिकों को विदेश में पर्यटन पर जाने से रोक सकती है। इसका उत्तर है, नहीं। क्योंकि भारतीय नागरिकों को भारतीय संविधान के अंतर्गत जो अधिकार मिले हैं उसमें पर्यटन भी शामिल है। फिर चाहे वह अपने देश में हो या किसी दूसरे देश में। पर्यटन, भारत के नागरिक का मौलिक अधिकार है। 

【विदेश भ्रमण का अधिकार】-सतवन्त सिंह बनाम असिस्टेंट पासपोर्ट ऑफिसर नई दिल्ली

:- मामले में न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि अनुच्छेद-21 में भारतीय नागरिकों को विदेश भ्रमण का मौलिक अधिकार प्राप्त है। अनुच्छेद 21 में प्रयुक्त ''दैहिक स्वतंत्रता, शब्दावली में संचरण की, अर्थात व्यक्ति का इच्छानुसार कभी भी- कही भी जाने का अधिकार आता हैं, जिसमें विदेश का भ्रमण भी शामिल हैं। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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