संदिग्ध व्यक्ति से सदाचार के लिए बॉंड भरवाया जा सकता है - LEARN CrPC SECTION 109

संदिग्ध व्यक्ति वह होता है जिसकी पहचान संदेह अर्थात शक के तहत होती है। जो जाना पहचाना नहीं होता है। कोई व्यक्ति किसी मकान में अपनी पहचान छुपाकर रहता है वह एक संदिग्ध व्यक्ति हो सकता है। दण्ड प्रक्रिया संहिता की आज की धारा 109 ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों से जमानत बन्ध-पत्र ले सकती है जिनके बारे मेंं यह संदेह हो कि वो किसी गंभीर अपराध को अंजाम दे सकते हैं।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 109 की परिभाषा:-

जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को सूचना मिलती है कि कोई अनजान व्यक्ति उसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर अपनी पहचान एवं उपस्थिति छुपाने के लिए पूर्वावधानिया बरत रहा है एवं विश्वास है कि वह किसी गंभीर अपराध को अंजाम दे सकता है तब कार्यपालक मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति को न्यायालय में बुलाकर एक वर्ष से कम का जमानत बन्ध-पत्र लेगा। अर्थात ऐसे व्यक्ति से मजिस्ट्रेट अपेक्षा करेगा कि वह ऐसे कोई को अंजाम नहीं देगा एवं अगर वह बंधपत्र का उल्लंघन करता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

नोट:- जमानत बंधपत्र जमानतदार द्वारा भी लिया जा सकता है या जमानतदार व्यक्ति नहीं है तब स्वयं संदिग्ध व्यक्ति द्वारा भी लिया जा सकता है। जिसे मुचलका भी कहते हैं।  :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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