धातु पर चोट करने पर तेज कंपन क्यों होता है, प्लास्टिक पर क्यों नहीं होता - GK IN HINDI

धातु, प्लास्टिक अथवा लकड़ी किसी के भी लंबे टुकड़े पर यदि आप एक तरफ चोट करते हैं तो दूसरी तरफ कंपन महसूस होता है। धातु के मामले में कंपन की मात्रा काफी ज्यादा होती है जबकि प्लास्टिक अथवा अन्य किसी के मामले में कंपन की मात्रा काफी कम होती है। धातु को मजबूत माना जाता है फिर क्या कारण है कि उसके एक सिरे पर चोट करने पर दूसरे सिरे पर काफी ज्यादा कंपन महसूस होता है। 

Miranda Marcus, Applications Engineer at EWI specializing in Plastic बताते हैं कि यह सब कुछ वस्तुओं की बनावट के कारण होता है। धातु elastic होती है इसलिए उसमें कंपन ज्यादा महसूस होता है जबकि प्लास्टिक viscoelastic होती है इसलिए उस में कंपन काफी कम महसूस होता है। elastic के कारण जब आप धातु की एक सिरे पर चोट करते हैं तो वह सिर्फ संकुचित हो जाता है और आपके द्वारा लगाए गए बल को स्थानांतरित कर देता है।

सरल शब्दों में बात यह है कि धातु के निर्माण की प्रक्रिया काफी अच्छी होती है। उसके अंदर मौजूद धातु के कण अनुशासन में होते हैं, बिल्कुल एक के पीछे एक लाइन में होते हैं, यही कारण है कि जब आप एक सिरे पर बल लगाते हैं तो उसका प्रभाव दूसरे सिरे पर दिखाई देता है। यह सिद्धांत सिर्फ धातु पर नहीं बल्कि किसी भी ऐसी चीज पर लागू होता है जो पंक्तिबद्ध हो। यदि आप बहुत सारे इंसानों को एक के पीछे खड़ा कर देंगे और पहले वाले इंसान को धक्का देंगे तो आपके बल का प्रभाव आखरी वाले इंसान तक दिखाई देगा। प्लास्टिक में ऐसा नहीं होता। प्लास्टिक के कण भीड़ की तरह होते हैं। एक के पीछे एक नहीं होते इसलिए जब आप बल लगाते हैं तो आसपास का हिस्सा ही प्रभावित होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

मजेदार जानकारियों से भरे कुछ लेख जो पसंद किए जा रहे हैं

(current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !