SDM ने शिक्षकों की ड्यूटी शमशान और अस्थि विसर्जन में लगाई - DHAR EMPLOYEE NEWS

भोपाल
। शिक्षा विभाग शिक्षकों की सुरक्षा और अस्मिता की रक्षा की लाख दुहाई दे, लेकिन मध्यप्रदेश में राष्ट्र निर्माता कहे जाने वाले शिक्षकों की स्थिति किसी नगर निगम के सफाई कामगारों से ज्यादा अच्छी नहीं है। हाल ही धार जिले में एक मामला सामने आया है जिसमे अनुविभागीय अधिकारी मनावर धर्मपुरी ने कोरोना संक्रमण से दिवंगत लोगों के अंतिम संस्कार और अस्थि विसर्जन के लिए शिक्षकों की ड्यूटी श्मशान और स्नान घाट पर लगा दी है। समग्र शिक्षक संघ ने इस आदेश पर कड़ी आपत्ति देते हुए तत्काल रद्द करने की मांग की है। 

मध्यप्रदेश में CORONA से 1000 शिक्षकों की अकाल मृत्यु

मध्य प्रदेश में समाचार लिखे जाने तक स्कूल शिक्षा और जनजातीय विभाग में कार्यरत लगभग 1000 से अधिक शिक्षकों की महामारी से मौत हो चुकी है। यह सभी कर्तव्य पर उपस्थिति के दौरान संक्रमित हुए थे। कई जिलों में 2 शिक्षकों को फेस मास्क और सैनिटाइजर तक नहीं दिए गए हैं जबकि ड्यूटी के दौरान शिक्षकों को PPE KIT दिया जाना चाहिए। जब तक शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी पर तैनात किया जाए तब तक उन्हें परिवार से अलग किसी होटल अथवा रेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया जाना चाहिए।

प्रदेश में अभी तक एक भी शिक्षक को नहीं मिला कोरोना योद्धा का लाभ

हाल ही में स्कूल शिक्षा मंत्री और विभागीय अधिकारियों ने जो बयान जारी किया है उसके अनुसार गाइडलाइन की कंडिका क्रमांक 3.1 हवाला देते हुए सफाई दी है इस कंडिका के अनुसार शेष अन्य विभाग के कर्मचारी भी शामिल किए, जिनमें शिक्षा विभाग भी शामिल माना जाएगा, लेकिन वास्तविकता यह है कि विगत वर्ष से वर्तमान तक ड्यूटी के दौरान महामारी से दिवंगत एक भी शिक्षक को कोरोना योद्धा नहीं माना गया है। 

समग्र शिक्षक संघ का कहना है मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा योजना के परिपत्र में स्कूल शिक्षा और जनजाति विभाग का कोई कर्मचारी अधिसूचित नहीं है, दूसरी ओर शासन द्वारा जारी कोविड योजना के परिपत्र की कंडिका 3.1 के अनुपालन में अभी तक शिक्षकों को अधिसूचित नहीं किया है  मामला गरमाने के बाद प्रदेश के 3 जिला कलेक्टर्स जिनमे उज्जैन, बुरहानपुर और रीवा कलेक्टर शामिल है शिक्षकों को अधिसूचित किया है, जिनमें से रीवा कलेक्टर ने अपने आदेश को वापस ले लिया है। सवाल यही उठता है कि जब तक स्कूल शिक्षा और जनजातीय विभाग शासन को प्रथक से प्रस्ताव भेजकर विभाग का उल्लेख नहीं कराता है, और विभागीय स्तर से जिला कलेक्टर को पत्र पृष्ठ अंकित नहीं किया जाएंगे तो योजना का शिक्षकों को कैसे लाभ मिलेगा। 

कोई भी अधिकारी शिक्षकों की ड्यूटी कहीं भी लगा देता है

समग्र शिक्षक संघ का कहना है कि जब कोविड ड्यूटी लगाने के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन है कि कोरोना महामारी में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए उस पर जिला कलेक्टर का अनुमोदन हो, बिना जिला कलेक्टर के अनुमोदन के किसी भी गैर अधिसूचित कर्मचारी की ड्यूटी ना लगाई जाए, फिर भी उसका पालन नहीं हो रहा है, यही वजह है कि कोरोना से संक्रमित होने पर ना तो शिक्षकों को शासकीय खर्च पर इलाज की सुविधा मिल पा रही है, ना दिवंगत शिक्षकों को योजना का लाभ।

विभागीय अधिकारियों सहित ड्यूटी लगाने वाले अधिकारियों को कोर्ट में पार्टी बनाया जाएगा

समग्र शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शासन शिक्षकों को स्पष्ट रूप से कोरोना योद्धा घोषित करते हुए ड्यूटी के दौरान अभी तक दिवंगत हुए शिक्षकों को मुआवजा घोषित करते हुए कोरोना योद्धा योजना का लाभ नहीं देता है, तो विभागीय अधिकारियों सहित दिवंगत हुए शिक्षकों की ड्यूटी लगाने वाले अधिकारियों को कोर्ट में व्यक्तिगत पार्टी बनाएगा।

श्मशान में ड्यूटी लगाने वाले अनुविभागीय अधिकारी पर कार्रवाई हो

समग्र शिक्षक संघ ने यह मांग भी की जिला धार जिले में शमशान में ड्यूटी लगाने वाले अनुविभागीय अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई हो।

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