खंडवा कलेक्टर तनाव में- अधिकार नहीं फिर भी PRO का ट्रांसफर करके गाड़ी छीन ली - MP NEWS

भोपाल
। कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए निरंतर परिश्रम करने के कारण शायद खंडवा कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी काफी तनाव में है। परिश्रम के कारण वायरस तो कंट्रोल हो गया लेकिन तनाव के कारण स्वयं अपनी मर्यादा लांघ गए। सबसे पहले उन्होंने स्थानीय पत्रकारों को धमकाया और फिर अधिकार नहीं होने के बावजूद जनसंपर्क अधिकारी का ना केवल ट्रांसफर कर दिया बल्कि उन्हें रिलीव करके जनसंपर्क कार्यालय को आवंटित शासकीय वाहन भी छीन लिया। श्री अनय द्विवेदी आईएएस को खंडवा कलेक्टर के पद पर ठीक 1 साल पूरा हो गया है। 20 मई 2020 को उनके पदस्थापना आदेश जारी हुए थे।

सबसे पहले पत्रकारों को धमकाया, मकान तोड़ने की धमकी दी

स्थानीय पत्रकारों एवं विभिन्न समाचार संस्थानों द्वारा जो खबरें प्रकाशित हुई है उनके अनुसार कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी ने कई ऐसे फैसले लिए जिन पर स्थानीय पत्रकारों ने आपत्ति जताते हुए प्रशासनिक कार्रवाई की निंदा की। ऐसी स्थिति में डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की जिम्मेदारी थी कि वह स्थिति को स्पष्ट करती लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले कलेक्टर ने कुछ पत्रकारों को अपने चेंबर में बुलाकर धमकाया। दो पत्रकारों को नोटिस भी जारी किए। पत्रकारों के घर तुड़वा देने की धमकी दी गई।

जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर करके रिलीव कर दिया 

मामला तब तूल पकड़ गया जब खंडवा के जनसंपर्क अधिकारी बृजेंद्र शर्मा का ट्रांसफर करके उन्हें रिलीव कर दिया गया। अपर कलेक्टर शंकरलाल सिंघाड़े के हस्ताक्षर से निकले इस आदेश में प्रशासकीय आधार पर कार्यमुक्त करते हुए आयुक्त जनसंपर्क भोपाल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा गया है। 

ट्रांसफर की सूचना थाना प्रभारियों तक को भेजी

आश्चर्यजनक यह है कि जनसंपर्क अधिकारी के ट्रांसफर की सूचना कलेक्टर ने खंडवा जिले की 43 विभाग प्रमुखों के साथ साथ पुलिस अधीक्षक, यहां तक कि थाना प्रभारियों को भी भेज दी। जबकि पुलिस और थाना प्रभारियों का जनसंपर्क विभाग से कोई संबंध नहीं नहीं होता।

कलेक्टर ने जनसंपर्क कार्यालय को आवंटित वाहन वापस बुला लिया

सचिवालय में कोई भी यह नहीं समझ पाया कि खंडवा कलेक्टर इस तरह की कार्रवाई कैसे कर सकते हैं। उन्होंने ना केवल अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर किया बल्कि उसे कार्यमुक्त भी कर दिया और अजीब बात है कि जनसंपर्क कार्यालय के नाम पर आवंटित शासकीय वाहन भी वापस बुला लिया। 

कलेक्टर को ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं: कमिश्नर जनसंपर्क

ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ शासन को है। कलेक्टर को अधिकार नहीं हैं। मैं अभी ऑर्डर देखूंगा। उन्होंने किस आधार पर ट्रांसफर किया है।
- सुदामा खांडे, आयुक्त जनसंपर्क विभाग

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