जुर्माना या कारावास से दंडित व्यक्ति जुर्माना ना भरे तो क्या कार्रवाई होगी- LEARN IPC SECTION 66

किसी भी प्रकार के अपराध के लिए न्यायालय द्वारा तीन प्रकार का दण्ड देने का अधिकार है 1. जुर्माने के साथ कारावास,2. जुर्माना या कारावास,3. केवल जुर्माना मात्र। यह न्यायालय पर निर्भर करता है कि वह आरोपी पर कितना जुर्माना लगाना चाहता है। न्यायालय का कर्तव्य हैं कि वह आरोपी पर इतना जुर्माना लगाए की वह आसानी से दे सके। यह जानकारी हमने पिछली धारा में दे दी है। एवं धारा 65 में बताया था कि कारावास और जुर्माने से दाण्डित आरोपी अगर जुर्माना नहीं भरता है तब उसे अधिकतम सजा की एक चौथाई सजा भुगतनी होगी। आज लेख में हम आपको बताएंगे कि अगर आरोपी कारावास या जुर्माने से दाण्डित हैं तब जुर्माना नहीं देने पर क्या सजा होगी। 

भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 66 की परिभाषा:-

अगर कोई आरोपी को किसी कारावास या जुर्माने से न्यायालय द्वारा दाण्डित किया गया है, तब ऐसे में वह आरोपी न्यायालय में लगाए गए जुर्माने को नहीं भरता है या डिफॉल्ट होता है। तब ऐसे आरोपी को जो कारावास उस अपराध के लिए निर्धारित थी जिसे न्यायालय ने जुर्माने से दाण्डित किया था। उस कारावास से दाण्डित किया जाएगा। 

अर्थात:- किसी व्यक्ति को बेबजह रोककर रखने के लिए धारा 341 के अंतर्गत साधारण कारावास या जुर्माना या दोनो से दाण्डित किया जाने का प्रावधान है। ऐसे में न्यायालय आरोपी को सिर्फ जुर्माने से ही दाण्डित किया है, आरोपी कोर्ट के आदेश के बाद भी जुर्माना नहीं भरता तब उसे उस अपराध की साधारण कारावास जो उपर्युक्त धारा में एक माह की थी उससे दाण्डित किया जाएगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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