वर्तमान में कोविड 19 वायरस से पीड़ित सैकड़ों लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित है। जिले में ये तीनो कॉलेज (मनोविज्ञान कॉलेज, पीएसएम कॉलेज ,एवं राज्य विज्ञान शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर) 100 वर्षो से अधिक पुराने है, जो कि प्रदेश स्तर पर अपनी अलग पहचान रखते हैं। यहाँ पदस्थ प्राचार्य, व्यख्याता एम.ए. मानोविज्ञान, डिप्लोमा इन गाइडिंग एन्ड काउसंलिग एवं शिक्षा में पीएचडी है एवं इन महाविद्यालय से प्रति वर्ष सैकड़ों प्राचार्य / व्याख्याता / शिक्षक एम.ए. एवं डिप्लोमा उत्तीर्ण कर शिक्षा के क्षेत्र में नाम रोशन कर रहे हैं।
अकेले जबलपुर जिले में ऐसे डिप्लोमा धारियों की संख्या शिक्षा विभाग में लगभग 500 होगी। एक दल बनाकर इनका रिकॉर्ड संधारित किया जाता है तो भविष्य में अन्य आपदाओं से भी लड़ने का आत्म बल बढ़ाया जा सकता है। यदि इन सभी की सेवाएं कोरोना पीड़ितों की काउंसलिंग हेतु ली जाती है तो काउंसलिंग के माध्यम से पीड़ितों को कोरोना फोबिया से उबरने में मदद मिलेगी। एक काउंसलर द्वारा काम से कम 10 कोरोना पीड़ितों से टेली काउन्सलिग की जाती है तो प्रति दिन हजारों पीड़ितों की कॉन्सलिग कर कोरोना से उबरने का लाभ मिलेगा।
अलग-अलग काउंसलर द्वारा प्रति दिन बात की जाती है तो 8 से 10 दिन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। जो अपने जिले में अलग प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा सकता है। यह टेली काउंसलिंग, वैक्सीन एवं मेडिसिन से बढ़कर रहेगी। श्याम नारायण तिवारी, सदस्य जिला पुरातत्व संघ, जिला जबलपुर मो नंबर- 7987436146