वारंट-वारंट में फर्क होता है, हर वारंट गिरफ्तारी के लिए नहीं होता - सरल हिंदी में पढ़िए CrPC 1973 Section 70

Bhopal Samachar
पुलिस कभी कोई गिरफ्तारी वारण्ट जारी नहीं करती है, क्योंकि पुलिस के पास गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार ही नहीं है। किसी भी प्रकार के असंज्ञेय मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ्तारी वारण्ट जारी किया जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि गिरफ्तारी वारण्ट कौन जारीकर्ता है और इसका प्रारुप किस प्रकार होता है एवं इसकी अवधि कब तक कि होती है। यह बात जानना सभी के लिए जरूरी है क्योंकि कई बार कोई पुलिस वाला सिर्फ डराने या फिर रिश्वत वसूलने के लिए फर्जी गिरफ्तारी वारंट बनाकर ले आता है और कभी-कभी पुलिसवाला ही फर्जी होता है।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 70 की परिभाषा

1.न्यायालय द्वारा जारी किया गया प्रत्येक गिरफ्तारी वारण्ट लिखित रूप में होगा, न कि मौखिक होगा।
2.न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होगा एवं उस पर न्यायालय की मोहर (मुद्रा, rubber stamps) लगी होगी।
3. वह वारण्ट जब तक तब तक वह निष्पादित (सफल) नही हुआ हो या जारी करने वाले न्यायालय ने उसे रद्द नहीं कर दिया है, तब तक वैध माना जाता है।
एक मजिस्ट्रेट किसी भी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष उपस्थित करने के लिए वारण्ट जारी कर सकता है लेकिन ध्यान रखिए पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए कोर्ट की ओर से कोई वारंट जारी नहीं होता। 

किसी भी वैध वारण्ट में निम्न बातों का होना आवश्यक है:-
1.लिखित होना चाहिए।
2.पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिये।
3.न्यायालय की मुद्रा लगी होना चाहिए।
4. वारण्ट पर निष्पादन (आदेश) करने वाले व्यक्ति का नाम एवं पता होना चाहिए।
5. वारण्ट पर आरोपी का नाम एवं पता स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
6. वारण्ट में उस अपराध को धारा सहित लिखा होना चाहिए जो आरोपी पर लगाये गए हैं।
7. वारण्ट में जारी करने की तिथि अंकित होना चाहिए।
उपर्युक्त नियम पूर्ण होने पर वारण्ट वैध होता है।

(गिरफ्तारी वारण्ट का प्रारूप संलग्न crpc की अनुसूची 2 के अनुसार) 

प्रारूप संख्या 2 
गिरफ्तारी का वारंट (धारा 70 देखिए) 
प्रेषिती, 
...................... (उस व्यक्ति का या उन व्यक्तियों के नाम और पदनाम जिसे या जिन्हें वारंट निष्पादित करना है।) 
...................... (पता) के 
...................... (अभियुक्त का नाम) पर 
...................... (अपराध एवं धाराएं) 
के अपराध का आरोप है, इसलिए आपको इसके द्वारा निर्देश दिया जाता है कि आप उक्त 
...................... को गिरफ्तार करें एवं मेरे समक्ष पेश करें। इसमें चूक नहीं होनी चाहिए। 
...................... (हस्ताक्षर)
...................... (तारीख एवं न्यायालय की मुद्रा) 

:- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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