किसी की आंख काली तो किसी की नीली क्यों होती है - सरल हिंदी में SCIENCE की बातें पढ़िए

Bhopal Samachar
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कभी-कभी आपने भी नोटिस किया होगा कि कुछ लोगों की आंखों का रंग सामान्य से अलग होता है। ज्यादातर आंखों का रंग काला होता है परंतु कुछ लोगों की आंखों की पुतलियों का रंग भूरा, नीला और बहुत कम लेकिन हरा भी होता है। प्रश्न यह है कि लोगों की आंखों का रंग अलग-अलग कैसे हो जाता है। मनुष्य की त्वचा का रंग पर्यावरण पर निर्धारित होता है तो क्या आंखों के रंग का निर्धारण भी इसी प्रकार होता है या फिर इसके पीछे कोई और कारण है। आइए पता लगाते हैं:-

पेड़ों के पत्ते और आंखों में रंग भरने के लिए भगवान एक ही ब्रश का यूज़ करते हैं

जिस प्रकार पेड़ पौधों में हरे रंग के लिए एक वर्णक हरित लवक (A pigment chlorophyll) जिम्मेदार होता है ठीक उसी प्रकार मनुष्य तथा अन्य जीव-जंतुओं में भी त्वचा के रंग, बालों के रंग व आंखों के रंग के लिए एक प्राकृतिक वर्णक जिम्मेदार होता है। जिसका नाम है मेलानिन (Melanin) जिसका निर्माण मेलानोसाइट नामक कोशिकाओं में होता है।

यह मियां मेलानिन कौन है, हमारे शरीर में क्या काम करते हैं

मेलानिन एक प्राकृतिक वर्णक के रूप में मनुष्य तथा बहुत सारे जीव जंतुओं में पाया जाता है। यह सूर्य की पराबैंगनी किरणों (ultrviolet rays) से हमारे शरीर की रक्षा करता है। यह टायरोसिन नामक एमिनो अम्ल से बनता है। कुछ अपवादों को छोड़कर यह सभी जीवों में मुख्य रूप से पाया जाने वाला वर्णक है। मनुष्य में पाया जाने वाला मेलानिन, यूमेलानिन (Eumelanin) कहलाता है। Eu ( यू) - का अर्थ है विकसित (Advanced ) तथा melanin - का अर्थ है वर्णक (A pigment)।

क्या मनुष्य की आंखों का रंग बदल सकता है

मेलानिन हमारी आंख की पुतली यानी कि आइरिस (Iris) के रंग का निर्धारण करता है। वास्तव में यह निर्धारण भ्रूण विकास की अवस्था (stage of Embryonic Development) के समय होने वाले अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis) में होने वाले जीन विनिमय (क्रॉसिंग ओवर) के समय कोशिका के केंद्रक में उपस्थित गुणसूत्रों पर स्थित जींस (jenes on chromosomes) के आदान-प्रदान के द्वारा निर्धारित होता है।

भूरी, काली, नीली और हरी आंखों का मतलब क्या होता है

मेलानिन की मात्रा कम होने पर आंखों का रंग नीला - हरा होता है जबकि मेलानिन की मात्रा अधिक होने पर आंखों का रंग भूरा - काला होता है। मेलानिन के ना पाए जाने पर रंगहीनता (एलाबेनिजम) कहलाता है। (समझ में आया! नीली आंखों वाली लड़की खूबसूरत होती है लेकिन बीमार भी होती है, और भूरी आंख वाले लड़के चोर नहीं होते। फिर भी आंखों का रंग काला ही सही है।Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (science question answer in hindi, साइंस क्वेश्चन आंसर, science questions and answers general knowledge, general science question answer in hindi, science general knowledge question answer,)

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