तरबूज के बीज रस में डूबे रहते हैं फिर भी अंकुरित क्यों नहीं होते - INTERESTING SCIENCE IN HINDI

WATERMELON SEEDS ARE SOAK IN FRUIT SAP, THEN WHY DON'T GET GERMINATE

तरबूज को देखते ही मुंह में पानी आना एक स्वाभाविक सी बात है परंतु यह पानी, वह पानी नहीं है जो हमें चीजों की खुशबू या स्वाद के कारण आता है। बल्कि तरबूज में सचमुच में ही 90-95 % पानी पाया जाता है। इसी कारण इसे विशेष रूप से गर्मियों में खाया जाता है क्योंकि गर्मियों में हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और हमें पानी की अधिक आवश्यकता होती है।

आइए अब हम वैज्ञानिक दृष्टि से देखते हैं कि तरबूज क्या है

😄 तरबूज को इंग्लिश में watermelon कहा जाता है यानी कि नाम में भी पानी😃 तरबूज का वैज्ञानिक नाम सिट्रलस लेनेटस (Citullus lanatus) है, जो कि कुकरबेटेऐसी फैमिली का सदस्य है। तरबूज एक साधारण प्रकार का रसीला (Simple, succulent) पेपो फल है, जिसका खाया जाने वाला हिस्सा मध्यफलभित्ति (Mesocarp) है।

पेपो का अर्थ है एक ऐसा फल है जिसका बाहरी आवरण कठोर होता है ,बीच में माँसल पल्प होता है और बहुत सारे बीज, बीच में या पूरी मध्यफलभित्ति में बिखरे होते हैं।

• कुकरबेटेसी फैमिली को सामान्यता ककड़ी वंश कहा जाता है। जिसमें कद्दू, लौकी, गिलकी ,करेला आदि पाए जाते हैं।

तरबूज के बीज रस में डूबे रहने के बाद भी अंकुरित क्यों नहीं होते

चूँकि तरबूज के बीज का बीजआवरण या (seed coat) बहुत कठोर होता है। इसलिए तरबूज के रस में पड़े -पड़े भी यह टूटता नहीं है और जब तक यह नहीं टूटेगा तब तक बीज अंकुरित नहीं हो सकते।

इसके अतिरिक्त बीजों के अंकुरण के लिए पानी के साथ- साथ ऑक्सीजन, उचित तापमान, अंधेरा या उजाला, इन सबकी भी आवश्यकता होती है। तभी बीज अंकुरित होते हैं। तरबूज के अंदर यह सब अंकुरण के लिए आवश्यक परिस्थितियां भी उपलब्ध नहीं होती हैं। इसी कारण तरबूज के रस में बीजों का अंकुरण नहीं हो पाता। लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्यप्रदेश के विदिशा में साइंस की टीचर हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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