Skills & Knowledge के बाद भी कई लोग पैसा नहीं कमा पाते। अपना बिजनेस नहीं बना पाते और उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी भी नहीं मिलती। यह सब कुछ इसलिए होता है क्योंकि भारत में ज्यादातर लोगों को अपॉर्चुनिटी अपडेट नहीं मिलते। व्हाट्सएप के हर ग्रुप में खतरे की संभावना बताने वाले मैसेज मिल जाएंगे परंतु पैसा कमाने की नई संभावना के बारे में कुछ नहीं मिलता। इसलिए पिछले 5 साल से हम यह काम कर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि ₹200000 महीना कमाने के लिए, ना तो किसी दुकान की जरूरत है और नहीं किसी मशीन की। सिर्फ ₹100000 अधिकतम इन्वेस्टमेंट करके आप अपने घर से अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
what is the problem
भारत हर साल करीब 150 मिलियन टन (15 करोड़ टन) से ज्यादा कंस्ट्रक्शन वेस्ट उत्पन्न करता है। कम लागत और तेजी से प्रोजेक्ट्स पूरा करने की जुनून में वेस्ट मैनेजमेंट की योजना बनाई ही नहीं जाती। ज़्यादातर बिल्डिंग साइट्स पर कचरा अलग-अलग नहीं किया जाता, जिससे उसे रिसायकल करना मुश्किल हो जाता है। इसके कारण एक तरफ प्रोजेक्ट की कीमत बढ़ जाती है तो दूसरी तरफ यह वेस्ट ज़मीन, पानी और हवा, तीनों को प्रदूषित करता है। जलवायु और पर्यावरण वैज्ञानिकों के समाज में इसे गंभीर अपराध माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के इंजीनियर की योग्यता पर सवाल उठाए जाते हैं। भारत की सरकार को असभ्य और पर्यावरण के प्रति लापरवाह माना जाता है।
What is the demand
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के Sustainable Development Goals अपनाए हैं, जिसमें Waste Reduction एक अहम लक्ष्य है। इसके कारण भारत सरकार की योजनाएं जैसे Smart Cities Mission, AMRUT, और IGBC के ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन Zero-Waste को प्राथमिकता देती हैं। न्यू प्रोजेक्ट में यदि प्लानिंग के साथ ही वेस्ट मैनेजमेंट को शामिल किया जाए तो प्रोजेक्ट के खर्चों में बचत कर सकते हैं। सरकारी नीतियों के कारण कंस्ट्रक्शन कंपनियां अब CSR (Corporate Social Responsibility) और ESG (Environmental, Social, Governance) मानकों के तहत Zero-Waste नीति अपनाने को मजबूर हैं। यह सारी परिस्थितियों एक डिमांड क्रिएट करती है। जो कोई भी समाधान लेकर आएगा उसे सरकार का सपोर्ट और कंस्ट्रक्शन कंपनियों की डील फटाफट मिल जाएगी।
What is the solution and business opportunity
Zero-Waste Construction Consulting एक ऐसा व्यवसाय या सेवा क्षेत्र है जो निर्माण (Construction) क्षेत्र में कचरे को न्यूनतम या शून्य स्तर तक लाने के लिए सलाह, रणनीति और समाधान प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि निर्माण के दौरान या बाद में कोई भी मटेरियल बेकार न जाए, बल्कि उसे फिर से उपयोग, रिसायकल या रीपर्पज़ किया जाए।
इस बिजनेस में क्या किया जाता है
Waste Audit & Planning: निर्माण की शुरुआत से पहले यह सलाह दी जाती है कि कौन-से मटेरियल से सबसे ज़्यादा वेस्ट होता है और कैसे उसे कम किया जाए।
Material Selection: ऐसे मटेरियल्स चुनने में मदद करते हैं जो पर्यावरण के अनुकूल हों, रिसाइकलेबल हों या पुनः उपयोग किए जा सकें।
On-Site Waste Management: निर्माण स्थल पर अलग-अलग डस्टबिन, सेगमेंटेड वेस्ट कलेक्शन सिस्टम, रीयूजे-फ्रेंडली डिज़ाइन की सलाह देते हैं।
Training & Education: मज़दूरों, इंजीनियरों और कंस्ट्रक्शन स्टाफ को Zero Waste के तरीकों की ट्रेनिंग दी जाती है।
Policy Compliance: सरकार या स्थानीय निकायों के पर्यावरण से जुड़े नियमों का पालन सुनिश्चित करने में मदद।
Deconstruction over Demolition: टूटे हुए भवनों को तोड़ने के बजाय उन्हें इस तरह से डिसमेंटल करना कि ज़्यादा से ज़्यादा सामग्री दोबारा इस्तेमाल हो सके।
Who can do this business
- सिविल इंजीनियर (Civil Engineers)
- आर्किटेक्ट्स और ग्रीन बिल्डिंग डिजाइनर
- एनवायरनमेंटल साइंटिस्ट्स और सस्टेनेबिलिटी एक्सपर्ट्स
- कंस्ट्रक्शन साइट सुपरवाइजर या प्रोजेक्ट मैनेजर
- Startup Founder या Consultant (बिना टेक्निकल बैकग्राउंड के भी)
- रिटायर्ड इंजीनियर, सरकारी कर्मचारी या कॉलेज स्टूडेंट्स (ट्रेनिंग लेकर)
Skills & Knowledge
Construction Waste Management - C&D Waste की पहचान, वर्गीकरण, और उपयोग की रणनीति
Sustainability & Circular Economy - पर्यावरण अनुकूल डिज़ाइन और रिसायक्लिंग की समझ
Project Coordination - साइट पर वर्कफ्लो और टीम हैंडलिंग की क्षमता
Govt. Policies & Green Certifications - गवर्नमेंट गाइडलाइंस, IGBC/LEED सर्टिफिकेशन की जानकारी
Communication & Training - टीम को समझाने और मोटिवेट करने की क्षमता
What should one do who does not have any skills and knowledge
जिसके पास कोई योग्यता नहीं है वह योग्यता प्राप्त कर सकता है। नीचे दिए गए कोर्स करके कोई भी सामान्य व्यक्ति इस बिजनेस के काबिल हो सकता है:-
- Coursera / edX / NPTEL: Waste Management, Sustainable Construction
- IGBC / GRIHA: Green Building Certification Training
- Construction Management Certificate: NIATI, RICS School of Built Environment
Initial Investment
- वेबसाइट - ₹10,000 – ₹25,000
- ट्रेनिंग / सर्टिफिकेशन कोर्स - ₹10,000 – ₹30,000
- कंसल्टिंग डॉक्युमेंट्स, टूल्स - ₹5,000 – ₹10,000
- रजिस्ट्रेशन / प्रोफेशनल लाइसेंस - ₹5,000 – ₹10,000
- ऑफिस (घर से या Co-working) - ₹0 – ₹10,000
- कुल अनुमानित शुरुआती लागत: ₹35,000 – ₹1,00,000
यदि आप अकेले शुरू करते हैं, डिजिटल रूप से काम करते हैं, और घर से संचालन करते हैं, तो ₹30,000 में भी शुरुआत संभव है।
Monthly Operating Cost
- वेबसाइट के लिए इंटरनेट / क्लाउड स्टोरेज - ₹1,000
- क्लाइंट मीटिंग्स के लिए फोन / Zoom कॉल्स - ₹500 – ₹1,000
- क्लाइंट जनरेशन के लिए सोशल मीडिया ऐड्स - ₹3,000 – ₹10,000
- रिपोर्ट्स, फॉर्मेटिंग आदि के लिए Miscellaneous / Freelance Design - ₹2,000 – ₹5,000
कुल मंथली खर्च: ₹6,000 – ₹15,000 (Client मिलने पर)
Potential Revenue
- Individual Home - ₹10,000 – ₹25,000
- Real Estate Builder - ₹50,000 – ₹2 लाख
- Govt. / NGO Projects - ₹1 लाख – ₹5 लाख
अगर आप हर महीने सिर्फ 2–3 प्रोजेक्ट भी करते हैं, तो ₹50,000–₹2 लाख की कमाई संभव है।
कुल मिलाकर एक शानदार मौका है। Low investment, high impact बिजनेस है। ₹50,000 से कम में शुरू कर सकते हैं। यदि सस्टेनेबिलिटी या कंस्ट्रक्शन का बेस है, तो आपकी सर्विसेज की डिमांड बढ़ेगी और डिजिटल स्किल्स और नेटवर्किंग से क्लाइंट्स जल्दी मिल सकते हैं
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