भारत के संविधान में राष्ट्रपति महोदय को भारत के प्रथम नागरिक का दर्जा दिया गया है। इसी प्रकार राज्यपाल महोदय को भी विशिष्ट नागरिक का दर्जा प्राप्त है। भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का मुखिया होता है और राज्यपाल उनका प्रतिनिधि। दोनों विशिष्ट नागरिकों पर हमला करना या हमला करने की चेष्टा मात्र करना आईपीसी की धारा 144 के तहत एक गंभीर अपराध माना जाता है।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 124 की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर देश के राष्ट्रपति या राज्यपाल के साथ निम्न कृत्य करता है:-
1. राष्ट्रपति या राज्यपाल से कोई काम को करवाने के लिए जबरदस्ती दबाव बनाना।
2. देश के राष्ट्रपति या राज्यपाल पर हमला करना , हमला करने के लिए प्रयत्न करना।
3. देश के राष्ट्रपति या राज्यपाल को बीच रास्ते में दोषपूर्ण हानि या लाभ के लिए रोकना आदि।
तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 124 के अंतर्गत दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 124 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार सत्र न्यायालय को होता है। सजा- इस धारा के अपराध के लिए सात वर्ष की कारावास एवं जुर्माने से दाण्डित किया जाएगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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