सार्वजनिक रास्ता रोका तो 5 साल की जेल, पढ़िए किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है / ASK IPC

भारत के गांव-शहरों में शक्तिशाली लोग सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण कर लेते हैं। या फिर लोगों को तंग करने के लिए सार्वजनिक रास्तों में बाधा उत्पन्न करते हैं। ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती इसलिए वह इस समस्या के समाधान के लिए नगरीय निकाय या फिर स्थानीय मजिस्ट्रेट के कार्यालय में शिकायत करते हैं। लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया जा सकता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 431 के तहत सार्वजनिक मार्ग को बाधित करने वाले व्यक्ति को 5 वर्ष कारावास का प्रावधान है।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 431 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कर निम्न कृत्य करता है:-
1. किसी सार्वजनिक सड़क को बीच में से काट देना या क्षतिग्रस्त करना।
2.किसी तरह की पाइपलाइन को तोड़ देना या क्षतिग्रस्त कर देना।
3. नदी या बांध को क्षतिग्रस्त करना।
नोट:- यदि किसी व्यक्ति ने अपने वैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सद्भावना से सड़क को कुछ समय के लिए रोक लगा दी है, तब ऐसे व्यक्ति पर यह धारा लागू नहीं होगी।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 431 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है। यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं, इनकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती हैं। सजा-  पांच वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

 :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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