गिरफ्तार व्यक्ति को स्वंय की तलाशी देने से पहले पुलिस की तलाशी लेने का अधिकार है, जानिए CRPC

आज का हमारा लेख उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण हैं,जो व्यक्ति झूठे केस में फसा दिए जाते हैं। बहुत से ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारी होते हैं जो चंद पैसों के खातिर वर्दी या कानून को बेच देते हैं, परंतु ऐसा करना विधि की हत्या है। पुलिस को अधिकार होता है की वह गिरफ्तार व्यक्ति की तलाशी ले और जो वस्तुएं गिरफ्तार व्यक्ति से मिली है उसकी सूची बनाए ओर गिरफ्तार आरोपी को भी एक कॉपी पावती के तौर पर दे। 

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 51 की परिभाषा:-

पुलिस या उनके सहयोगी किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति की तलाशी के सकते हैं, और तलाशी में जो वस्तुएं या चीजे कुछ भी मिला हो उसकी एक सूची बनाकर गिरफ्तार व्यक्ति को एक कॉपी देगे पावती के तौर पर। इससे पहले गिरफ्तार व्यक्ति को धारा 51 के ही अनुसार अधिकार प्राप्त है कि वह उस पुलिस वाले कि या उसके सहयोगी की तलाशी ले सकता है अपनी तलाशी देने से पूर्व।

उधरणानुसार वाद:- रघुवीर सिंह बनाम पंजाब राज्य:-* उच्चतम न्यायालय ने निर्णीत किया कि भ्रष्टाचार विरोधी विभाग में कार्यरत अधिकारियों को गंभीर रूप से स्वतंत्र एवं प्रतिष्ठित गवाहों एवं सबूतों को एकत्र करने का प्रयास करना चाहिए जिससे कि छापे से संबंधित साक्ष्य न्यायालय के दिमाग में विश्वास पैदा कर सके और न्यायालय को किसी प्रकार का संदेह न हो कि क्या राजकीय कर्मचारी को रिश्वत के रूप में कोई धन दिया गया है या नहीं।

:- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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