इंटरनेट पर भय दिखाकर अनुचित काम करवाना, किस धारा के तहत अपराध है - ASK IPC

आज हम जिस अपराध के बारे में जानकारी देंगे वह आम जनता को जानना बहुत जरूरी है। सभी व्यक्ति की जिंदगी में जैसी घटनाएं घटी रहती है कि कोई भी व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर धमकी देता है या भय दिखता है किसी बात का दबाव डालता है और व्यक्ति धमकी, दबाव, भय आदि से परेशान हो जाते हैं या डर जाते हैं, परंतु जो व्यक्ति ऐसा करता है वह बहुत ही गंभीर अपराध करता है जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 383 की परिभाषा:-

इस धारा में हम आपको उद्दापन के अपराध की परिभाषा मात्र देगे। उद्दापन का अपराध क्या है जानिए:- किसी व्यक्ति से जबरन वसूली करना, पैसे ऐंठना, भय दिखा कर संपत्ति लेना, भय दिखा कर अनुचित काम के लिए उत्प्रेरित करना (जैसे जबर्दस्ती हस्ताक्षर करवाना, कोई भी जरूरी दस्तावेज को लेना), ईमेल या सोशल नेटवर्किंग पर आपत्तिजनक पोस्ट को शेयर करने का भय दिखाना, पैसे या रिश्वत न देने पर किसी व्यक्ति के काम को रोकने की धमकी देना, आदि। उपर्युक्त बातें उद्दापन अपराध के अंतर्गत आती है।

उद्दापन के आवश्यक तत्व:-

1. किसी भी प्रकार का नुकसान (क्षति) पंहुचाने का भय उत्पन्न करना।
2. बेईमानी का उद्देश्य होना।
3. इसमे व्यक्ति चल- अचल संपत्ति दोनों लेने के लिए भय दिखा सकता है।

उल्लेखनीय हैं कि वर्तमान में यह अपराध कम्प्यूटर द्वारा धमकी भरे ई-मेल भेजकर सम्पत्तिधारी व्यक्ति को चोट करने का भय दिखाकर सम्पत्ति लेना भी एक अपराध है, अर्थात वेब-जैकिंग को भी इसी धारा के अंतर्गत अपराध मना गया है।

उधरणानुसार- पुलिस अधिकारी ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया हो और उससे भय दिखाया कि अगर वह मांगी गई रकम नहीं देगा तो उसकी  जमान नामंजूर कर दी जाएगी। यहाँ पर पुलिस अधिकारी उद्दापन के अपराध का दोषी होगा।

इसी प्रकार एक उधरणानुसार वाद को समझे:-

श्रीमती चंद्रकला बनाम रामकिशन:- एक स्कूल के प्रधानाचार्य ने अपने ही साथ पढ़ाने वाली महिला अध्यापक को अपने घर बुलाया जहां वह अकेला रहता था, उसने महिला अध्यापक को धमकी दी कि वह तीन कोरे कागज पर अपने हस्ताक्षर करे नहीं तो वह उसकी इज्जत लूट लेगा। उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रधानाचार्य को उद्दापन के अपराध का दोषी ठहराया गया। लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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