रस्सी के झूले पर खड़े होकर झूलने से पैरों में झनझनाहट क्यों होती है / INTERESTING SCIENCE IN HINDI

WHY TINGLING SENSATION OCCURS ON STANDING ON A SWING OF ROPE

झूले पर झूलने का अनुभव तो हम सभी ने किया है। वह चाहे रस्सी का झूला हो या फिर मशीन से चलने वाला इलेक्ट्रिक झूला। किसी को झूला झूलने में मजा आता है, तो किसी को डर भी लगता है परंतु आज हम बात करेंगे डर की।

सबसे पहले जानिए: शरीर में झनझनाहट कैसे और क्यों होती है

जब हम बहुत देर तक एक जैसी स्थिति में बैठे रहते हैं तो कोई तंत्रिका या नस (Nerve) दब जाती है। जिसके कारण धमनियों (Arteries) तथा शिराओ (veins) द्वारा होने वाला रक्त का संचार (blood circulation) रुक जाता है या कम हो जाता है। इस कारण वहां की कोशिकाओं तक रक्त नहीं पहुंच पाता और झनझनाहट सी महसूस होती है परंतु कभी-कभी कोई और कारण जैसे विटामिंस की कमी, मिनरल्स की कमी, कोई बीमारी भी हो सकती है।

रस्सी के झूले पर खड़े होकर झूलने से झनझनाहट क्यों होती है

तो इसमें दो प्रकार के सिद्धांत कार्य करते हैं। एक भौतिक विज्ञान (physics) का तथा दूसरा  जीव विज्ञान (biology) का। 
भौतिक विज्ञान के अनुसार जब झूला केंद्र से बाहर की ओर जाता है, तो उस समय अपकेंद्रीय बल (cetrifugal force) काम करता है। जिसके कारण हमारा खून या ब्लड नीचे की ओर आता है। चूँकि रस्सी के झूले पर खड़े होने के कारण हमारे पैर के तलवे या सोल पर दबाव पड़ता रहता है। जिसके कारण पैर मै उपस्थित साईटिका तंत्रिका (scitica nerve) तक पहुँचने वाला रक्त का संचार या ब्लड सरकुलेशन रुक जाता है और इस कारण झनझनाहट महसूस होती है। लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्यप्रदेश के विदिशा में साइंस की टीचर हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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