DPI कमिश्नर और एडिशनल डायरेक्टर द्वारा जारी ट्रांसफर ऑर्डर विवाद का निपटारा प्रमुख सचिव करें: हाई कोर्ट - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर और एडिशनल डायरेक्टर द्वारा अपनी-अपनी मर्जी से एक ही पद के लिए दो अलग-अलग अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए। विवाद बढ़ा तो हाईकोर्ट पहुंच गया। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि 6 सप्ताह के अंदर यह फैसला करके बताएं कि लोक शिक्षण संचालनालय में अधिकारियों के ट्रांसफर का अधिकार कमिश्नर को है या एडिशनल डायरेक्टर को। क्या एडिशनल डायरेक्टर, कमिश्नर के ट्रांसफर आर्डर को रद्द कर सकता है। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव द्वारा फैसला किए जाने तक याचिकाकर्ता डॉक्टर युवराज राहंगडाले के पक्ष में जारी किया गया स्टे आर्डर निरंतर रखने के आदेश दिए हैं।

कमिश्नर लोक शिक्षण संचालनालय ने दो अधिकारियों के ट्रांसफर किए थे

विवाद उत्कृष्ट शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बालाघाट में पदस्थापना को लेकर था। डॉक्टर युवराज राहंगडाले प्राचार्य, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोदा, बालाघाट का स्थानांतरण योग्यता के आधार पर, शासकीय उत्कृष्ट उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, बालाघाट, दिनाँक 28/12/2019  को किया गया था। शैक्षणिक सत्र के कारण, दिनाँक  01/04/2020 को उत्कृष्ट विद्यालय मे, जॉइन करने के आदेश थे। उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ श्री एलसी मानवतकर प्राचार्य का ट्रांसफर आदेश, दिनांक 28/12/2019 को शासकीय उत्कृष्ट उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, बालाघाट से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,  कायदी, बालाघाट कर दिया गया था। दोनो ही ट्रांसफर आदेश, आयुक्त लोक शिक्षण, भोपाल द्वारा जारी किए गए थे। 

अपर संचालक डीपीआई ने एक अधिकारी का ट्रांसफर रद्द कर दिया, एक पद पर दो अधिकारी पदस्थ कर दिए

परंतु, श्री राहंगडाले के जॉइनिंग देने के पूर्व की श्री एलसी मानवतकर का ट्रांसफर, अपर संचालक, लोक शिक्षण द्वारा बिना किसी अधिकारिता के दिनांक 18/03/2020 को निरस्त कर दिया गया था। यद्दपि, श्री राहंगडाले का स्थानांतरण, जो कि सक्षम अधिकारी, लोक शिक्षण, भोपाल द्वारा किया गया था,अस्त्तिव में था। 

कोरोना वायरस के फ़ैलाव को दृष्टिगत रखते हुए, आदेश दिनाँक 28/12/19 के  क्रियान्वयन की तिथि, आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा आदेश दिनाँक 23/03/2020 जारी कर, दिनांक 01/06/2020 कर दी गई थीं। परंतु, अपर संचालक लोक शिक्षण के आदेश के कारण, श्री राहंगडाले उत्कृष्ट विद्यालय, बालाघाट में प्रिंसिपल के पद पर उपस्थित नही हो सकते थे। 

अपर संचालक को, कमिश्नर द्वारा जारी ट्रांसफर आदेश रद्द करने का अधिकार नहीं

प्राचार्य, डॉक्टर श्री युवराज़ राहंगडाले द्वारा हाई कोर्ट, जबलपुर के समक्ष, आदेश दिनांक 18/03/2020 को हाई कोर्ट के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी के माध्यम से चुनौती दी गई थी। श्री राहंगडाले का ट्रांसफर, परीक्षण के बाद सुयोग्य पाए हाने पर, लोकशिक्षण आयुक्त द्वारा, उत्कृष्ट विद्यालय दिनाँक 28/12/19 को किया गया था। शैक्षणिक शत्र के कारण, श्री राहंगडाले को एक अप्रैल को उत्कृष्ट में उपस्थिति देनी थी। परंतु, उसके पूर्व ही एल सी मानवतकर जो, शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में ट्रांसफर के अधीन काम कर रहे थे। श्री मानवतकर का ट्रान्सफर आदेश दिनांक 28/12/19 अपर संचालक, लोक शिक्षण, भोपाल द्वारा,जो ऐसा आदेश जारी करने के लिए सक्षम नहीं थे, द्वारा निरस्त कर दिया गया। उसके पीछे का कारण मनमाफिक पदस्थापना प्रदान करना था। परिणामस्वरूप श्री एल सी मानवतकर को, उत्कृष्ट विद्यालय में प्रचार्य के पद पर कार्य करने की अनुमति मिल गई थी।  

हाईकोर्ट ने अपर संचालक के आदेश पर स्टे लगा दिया था

वहीं दूसरी ओर सक्षम अधिकारी आयुक्त, लोक शिक्षण, भोपाल द्वारा श्री राहंगडाले के स्थानांतरण आदेश दिनाँक 28/12/2020 के क्रियान्वयन की तिथि कोरोना फ़ैलाव को रोकने के उद्देश्य से 01/06/2020 कर दी गई थी। स्पष्ट था कि, आदेश दिनाँक 18/03/2020 बिना अधिकारिता के एवं मनमाना था। उच्च न्यायालय, जबलपुर के  अधिवक्ता श्री चतुर्वेदी के तर्कों में बल पाते हुए , हाई कोर्ट जबलपुर ने शासन को नोटिस जारी करने करते हुए, प्राचार्य श्री एलसी मानवतकर के शासकीय उत्कृष्ट उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, बालाघाट में कार्य करने पर पर दिनांक 28/05/2020 स्टे लगा दिया था। 

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में ट्रांसफर विवाद के निपटारे हेतु प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा को निर्देशित किया

शासन द्वारा प्राप्त, उत्तर एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई विस्तृत सुनवाई दिनांक 29/08/2020 को हाई कोर्ट जबलपुर द्वारा की गई थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा उच्च न्यायालय को बताया गया कि प्रकरण में अतिरिक्त संचालक, लोकशिक्षण की सक्षमता के अतिरिक्त श्री राहंगडाले की पदस्थापना को बाधित करना, राजनैतिक हस्तक्षेप का परिणाम भी है, जो शासन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों से स्पष्ट है।  प्रकरण का अंतिम निराकरण करते हुए, कोर्ट द्वारा दिनाँक 29/08/2020 को प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है कि पदस्थापना विवाद का निराकरण, 6 सप्ताह के अंदर, श्री राहंगडाले को सुनवाई का अवसर देते हुए करें। उस अवधि में दिनाँक 28/05/2020 को श्री प्राचार्य श्री युवराज राहंगडाले के पक्ष में दिया गया स्टे निरंतर रहेगा।

28 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!