कहीं मध्य प्रदेश का विकास दुबे ना बन जाए गब्बू पारदी / MP NEWS

भोपाल। गुना जिले में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करके उन्हें खेती के लिए बटाई पर देने वाला गब्बू पारदी वैसे तो एक पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी से ज्यादा का काम नहीं है लेकिन थानों में सेटिंग और पॉलिटिकल अप्रोच के कारण गब्बू पारदी माफिया में तब्दील होता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश की हाई लेवल पॉलिटिक्स में गब्बू पारदी का नाम कई बार दिया गया है। स्थिति गंभीर हो रही है। कहीं यह गब्बू पारदी, मध्य प्रदेश का विकास दुबे ना बन जाए। 

हर साल कार्रवाई होती थी, हर साल तमाशा भी होता था, इस बार मुद्दा बन गया 

गुना के सूत्र और सरकारी कागजों में दर्ज कार्रवाई के रिकॉर्ड बताते हैं कि गब्बू पारदी एक आदतन अतिक्रमणकारी है। वह सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करता है और खेती के लिए मजदूरों को बटाई पर दे देता है। जब भी सरकारी टीम कार्यवाही करने आती है, महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया जाता है। कभी सरकारी टीम वापस लौट जाती है तो कभी बल प्रयोग करके खेती बाजार देती थी। ऐसा कई बार हो चुका है लेकिन इस बार यह कार्रवाई प्रदेश स्तरीय मुद्दा बन गई है। कांग्रेस पार्टी ने इसे जातिवाद से जोड़ दिया। 

अब गब्बू पारदी खतरनाक हो गया है 

मध्य प्रदेश की राजनीति में गब्बू पारदी का नाम पिछले कुछ दिनों में कई बार आ चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं गुना के नेता श्री दिग्विजय सिंह के संरक्षण का आरोप भी लगा। गब्बू पारदी ने मीडिया के माध्यम से दिग्विजय सिंह के संरक्षण वाली खबर का खंडन किया। कुल मिलाकर गब्बू पारदी का गुना इलाके में महिमामंडन हो गया है। समाचार लिखे जाने तक गब्बू पारदी की साजिश के कारण आईजी, कलेक्टर और एसपी हटाए जा चुके हैं। 6 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। आसपास के इलाके में दबदबा कायम रखने के लिए यह सब कुछ काफी है। यहीं से किसी भी व्यक्ति के भीतर से कानून का डर खत्म होता है और वह हमलावर हो जाता है।

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