भोपाल। प्रेस विज्ञप्ति में पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता संघ के प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जसवंत सिंह ने बताया की पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है शासन को पता होने के बाद भी संज्ञान नहीं ले रही है क्योंकि फिक्स वेतन संबंधी आदेश 27 फरवरी 2020 को जारी किया गया था जिस पर आजतक कार्यवाही नहीं हुई है उसके अनुसार 3 दिवस में प्रदेश के प्राचार्यों को अतिथि व्याख्याताओं संबंधित जानकारी उपलब्ध करानी थी लेकिन आज 3 माह हो गए है और उस आदेश से संबंधित कार्यवाही का कोई पता नहीं है।
5 मार्च 2020 को संगठन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा फिक्स वेतन संबंधी ज्ञापन दिया था लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है ना ही संगठन को अवगत कराया गया है। आलम तो यह है कोरोना वायरस की भीषण महामारी में लॉक डाउन मानदेय संबंधी आदेश 23 मई 2020 को जारी किया गया है और आदेश के अनुसार निरंतर मानदेय देने बोला गया है लेकिन 16 मार्च 2020 से प्रदेश के सभी कॉलेज पूरी तरह बंद है उसके बाद भी मानदेय अलग अलग तरह से दिया जा रहा है। जो शोषण कारी कालखंड व्यवस्था के कारण हो रहा है। मानदेय नियुक्ति आदेश 11 माह के अनुसार 16 मार्च 2020 से 15 जून 2020 तक दिया जावे।
शासन द्वारा भेदभाव ना कहे तो क्या कहें जब प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अतिथियों को लॉक डाउन के समय मार्च से जून 2020 तक प्रति माह 30 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है जबकि तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथियों को पूरे लॉक डाउन में अलग अलग कॉलेजों में 15 दिन, 20 दिन, 25 दिन या 38 दिन का कुल 4 माह का मानदेय दिया जा रहा है। जो पूरी तरह शोषण को वायां कर रहा है।
अतः पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता संघ संगठन के प्रदेश सचिव देवी दीन अहिरवार ने बताया कि पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं का फिक्स वेतन लागू ना होने से परेशान और शोषण से त्रस्त होकर *पोल खोल अभियान* शुरू कर रहे है जिसमें हो रहे शोषण को उजागर किया जाएगा एवं विरोध भी होगा। चाहे प्राचार्यों, विभाग और शासन किसी के द्वारा भी हो रहा हो। सभी के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा। इस अभियान के तहत शुरुआती सोशल मीडिया के माध्यम से भूख हड़ताल की जाएगी।
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