मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीज 4 से 4000 हो गए लेकिन अस्पताल अपग्रेड नहीं हुए: कमलनाथ / MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब हर रोज शिवराज सिंह सरकार पर हमला बोल रहे हैं। रविवार 17 मई को जारी प्रेस बयान में कमलनाथ ने कहा कि लॉक डाउन से पहले मध्यप्रदेश में सिर्फ 4 मरीज थे, लगातार तीन बार लॉक डाउन के बावजूद मरीजों की संख्या 4000 से ज्यादा हो गई बावजूद इसके सीएम शिवराज सिंह ने अब तक सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड नहीं किया है।

कोरोनावायरस मध्य प्रदेश के गांव की तरफ बढ़ रहा है: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन के पहले दिन 24 मार्च तक कोरोना संक्रमण के मात्र 4 मरीज थे और आज बात करें तो लॉक डाउन 3 की समाप्ति पर प्रदेश में कोरोना संक्रमितो का आंकड़ा बढ़कर 5000 के करीब पहुंच चुका है, 250 के करीब मौतों का आंकड़ा पहुंच चुका है ,प्रदेश के 45 जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, 100 से अधिक गांव कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अब यह महामारी शहरों से गांव की और भी निरंतर बढ़ती जा रही है।

इन्फेक्शन को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होना जरूरी

प्रदेश का इंदौर देश का 7वां और भोपाल देश का 11वां हॉटस्पॉट बन चुका है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमितो का आंकड़ा एक हजार को पार कर चुका है, वहीं 38 मौतें अभी तक हो चुकी है। बात करें प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की तो वहां कोरमा संक्रमितो का आंकड़ा 2500 के करीब पहुँच चुका है और मौतों का आंकड़ा 100 पर पहुंच चुका है। यह सारे आंकड़े बेहद चिंताजनक है। जिस हिसाब से प्रदेश के अंदर कोरोना महामारी का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, उस हिसाब से आज भी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने की आवश्यकता है। 

मध्यप्रदेश में 47000 लोगों पर एक ICU बेड, 75000 पर एक वेंटिलेटर

आज भी पीपीई किट से लेकर मास्क व अन्य सुरक्षा संसाधनों के अभाव में कोरोना वारियर्स प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं। जिस हिसाब से कोरोना के संक्रमण के आंकड़े प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से प्रदेश में आज भी वेंटिलेटर से लेकर अन्य आवश्यक मेडिकल उपकरणो का अभाव है। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 75000 लोगों पर एक वेंटीलेटर है और 47000 लोगों पर एक आईसीयू बेड की उपलब्धता है।

मध्य प्रदेश के 10 जिलों में एक भी वेंटिलेटर नहीं

आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के 10 जिले ऐसे हैं जहां पर निजी अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर नहीं है, वही करीब 10 जिलों में कुल वेंटिलेटर की संख्या 5 भी नहीं है। प्रदेश के भोपाल-इंदौर -जबलपुर जैसे शहरों में भी इस महामारी के बढ़ते आँकड़ो को देखते हुए आवश्यकता अनुसार इनकी कमी है। 

प्राइवेट अस्पताल कोरोना वायरस के मरीजों को लूट रहे हैं

आज भी निजी अस्पतालों में आम मरीजों को इलाज नहीं उपलब्ध हो पा रहा है, वही कोरोना मरीजों से भी भारी भरकम बिल वसूले जा रहे हैं। इन पर सरकार का अभी तक कोई नियंत्रण नहीं है। आज भी प्रदेश में लोगों को दूध-दवाई व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वही शराब की आपूर्ति सरकार द्वारा करा दी गई है। मंदिर -मस्जिद -गुरुद्वारे व अन्य सभी धार्मिक स्थल बंद है ,वहीं शराब की दुकानें चालू है।

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