क्या किसी बीमारी के कारण कोर्ट में तलाक मंजूर हो सकता है- THE HINDU MARRIAGE ACT, 1955

हिंदू संस्कृति और हिंदू विवाह अधिनियम के बीच यह काफी विरोधाभासी है। हिंदू संस्कृति के अनुसार दंपत्ति हर परिस्थिति में एक दूसरे का साथ निभाते हैं। कम से कम बीमारी की अवस्था में तो जीवनसाथी का साथ नहीं छोड़ते परंतु हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13 विवाह विच्छेद (तलाक) एवं धारा 10 के अनुसार दो प्रकार की बीमारियां सूचीबद्ध की गई है, जिसके चलते जीवन साथी से विवाह का संबंध समाप्त किए जा सकते हैं।

1. कुष्ट रोग:- कुछ रोग न्यायिक पृथक्करण एवं तलाक का छटवां आधार माना गया है, कुष्ट रोग तब तलाक का आधार होगा जब वह रोग बहुत घातक हो एवं व्यक्ति समाज में बैठ उठ नहीं सके और उसका इलाज होना संभव नहीं हो।

2. रतिजन्य रोग (यौन संचारित रोग):- तलाक एवं न्यायिक पृथक्करण का सातवां आधार हैं रतिजन्य अर्थात यौन संबंधित बीमारी यह बीमारी महिला-पुरूष दोनों में हो सकती है इस बीमारी के कारण स्त्री बांझपन हो सकती है या पुरूष को एड्स जैसी आदि बीमारी के लक्षण होना मात्र भी तलाक का आधार होगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
अंग स्पर्श करने या अश्लील फोटो-वीडियो दिखाने वाले को नजरअंदाज ना करें, इस धारा के तहत सबक सिखाएं
मोबाइल पर ऐसे मैसेज आएं तो इस लिंक के साथ पुलिस को बताए, FIR दर्ज कराएं
इंसान को कुत्ता-कमीना कहा तो किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
कठोर कारावास में कैदी से क्या करवाया जाता है 
:- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !