जबरदस्त JABALPUR: कोरोना से लड़ रही है तन्खा, तरुण और विश्नोई की तिकड़ी

जबलपुर।
विकास कार्यों में भले ही कोई अपने फायदे की बात सोचे परंतु यदि महामारी के वक्त कोई नेता, जनता की सेवा नहीं कर रहा है तो इससे बड़ा राजनीतिक पाप कोई नहीं हो सकता। शुक्र है, जबलपुर में ऐसे नेता नहीं है। चुनाव हारने के बावजूद सांसद विवेक तन्खा, विधायक तरुण भनोट और भाजपा विधायक अजय विश्नोई अपने अपने स्तर पर पूरे प्रयास कर रहे हैं। हम तीनों की प्रशंसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि तीनों अपने प्रयासों का श्रेय लूटने की कोशिश नहीं कर रहे।

बताने की जरूरत नहीं कि जबलपुर में हालात बेहद खराब हो गए थे। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम नजर नहीं आ रहा था। आंकड़ों की बाजीगरी चिताओं की आग में जलकर राख हो रही थी। ऐसी स्थिति में राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, विधायक तरुण भनोट और भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने अपने अपने स्तर पर काम करना शुरू किया। तीनों ने कोई गुट नहीं बनाया। शायद एक दूसरे से कोडिनेट भी नहीं किया लेकिन फिर भी जो कुछ किया वह काबिले तारीफ है।

जबलपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन व आक्सीजन की पूर्ति के लिए राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा व विधायक तरुण भनोट ने अपनी पूरी क्षमताओं का उपयोग किया। लोग जब अस्पताल में बेड रिजल्ट करने के लिए अपने संबंधों का उपयोग कर रहे हैं उस समय सांसद विवेक तन्खा ने बिना भेदभाव के सभी मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अपने व्यक्तिगत संबंधों का उपयोग किया। विधायक अजय विश्रोई की मेहनत रंग लाई और पनागर में प्लांट शुरु हो सका। इसके लिए अजय विश्नोई को अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा। हो सकता है इसका खामियाजा भी उन्हें चुकाना पड़े।

तो क्या सांसद राकेश सिंह ने कुछ नहीं किया 

ऐसा नहीं है, सांसद राकेश सिंह ने भी अपने स्तर पर काफी काम किए। वह पूरी तरह सक्रिय रहे और सरकार से जबलपुर के लिए जो भी ला सकते थे लेकर आए परंतु उन्हें धन्यवाद नहीं दिया जा सकता क्योंकि उन्होंने जितना किया उससे ज्यादा अपने प्रचार पर खर्च कर दिया है। महामारी के समय जनता की सेवा का प्रचार नहीं किया जाना चाहिए। संस्कारधानी में इसे राजनीति के अच्छे संस्कार नहीं कहते।

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