व्रत-उपवास में मूंगफली क्यों खाते हैं, TIMEPASS के लिए या कोई वैज्ञानिक कारण भी है

0

why peanuts eaten during Fasting Or Upwaas

मूंगफली का नाम सुनते ही कानों में "Timepass मूंगफली" आवाज गूंज नहीं लगती है। कुछ लोगों को लगता है कि पुराने जमाने में च्युइंग गम नहीं होते थे इसलिए लोग मूंगफली खाकर यात्रा के दौरान जुगाली करते थे ताकि नींद ना आए। सवाल यह है कि क्या हमारे वैज्ञानिकों (ऋषि-मुनियों) ने वाकई टाइमपास के लिए मूंगफली का आविष्कार किया था या फिर अपनी लाइफ में इसकी कुछ और ही वैल्यू है। मूंगफली की वैल्यू पता करने के लिए यह जानना जरूरी है कि व्रत और उपवास के समय फलाहार में मूंगफली के दानों को अनिवार्य रूप से शामिल क्यों किया जाता है। आइए पढ़ते हैं:-

व्रत एवं उपवास में दाल नहीं खाते इसलिए मूंगफली खाते हैं

मूँगफली को groundnut, peanut, monkey nut ,Pindar, Goober nut आदि कई नामों से जाना जाता है। मूंगफली, प्रोटीन और फैट्स का मुख्य स्रोत होती है। चूँकि हम व्रत में मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट ही खा रहे होते हैं जैसे - साबूदाना, आलू, शकरकंद इन सब में में कार्बोहाइड्रेट बहुत अधिक मात्रा में उपस्थित होता है। राजगीर, सिंघाड़े की बात करें तो थोड़ी बहुत मात्रा में मात्रा में इनमे भी प्रोटीन और फाइबर उपस्थित होते हैं। लौकी, कद्दू, गाजर, फलों की बात करें तो ये सब विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। दूध और दही में भी थोड़ी मात्रा में प्रोटीन, और फैट्स उपस्थित होते हैं।


मात्र 100 ग्राम मूंगफली दिन भर का प्रोटीन दे देती है

परंतु मूंगफली में काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन उपस्थित होता है (प्रति 100 ग्राम मूँगफली में लगभग 25 ग्राम प्रोटीन होता है) इस कारण हम व्रत में मूंगफली का उपयोग करते हैं। चूँकि उपवास में हम किसी भी प्रकार की दालों का सेवन नहीं कर रहे होते हैं, जो कि प्रोटीन का मुख्य स्रोत होती हैं। इस कारण दाल के सब्सीट्यूट के रूप में हम मूंगफली का उपयोग उपवास के दौरान करते हैं। जिससे कि हमारे शरीर में किसी भी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी ना रहे।


KNOWLEDGE: वैज्ञानिक रूप से मूंगफली क्या है

आपको यह जानकर भी सुखद आश्चर्य होने वाला है कि मूंगफली का खाया जाने वाला भाग बीज (seed) होता है।
मूंगफली का वानस्पतिक नाम (Botanical name) अरेकिस हाइपोजिया (Arachis hyogea) है जो कि Leguminaceae या fabaceae कुल का सदस्य है।

KNOWLEDGE: मूंगफली को द्विबीजपत्री क्यों कहा जाता है

अगर आप मूंगफली के बीज को अपने हाथ से तोडेंगे तो वह दो बराबर भागों में आसानी से टूट जाता है, यही कारण है कि इसे द्विबीजपत्री (Dicotyledon) कहा जाता है। जैसे- चना, मटर आदि भी द्विबीजपत्री के ही उदाहरण हैं। मूंगफली पौष्टिक होने के साथ-साथ होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण के लिए भी काफी उपयोगी है, इसके बारे में हम फिर कभी जानेंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article 
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!