इंदौर। निश्चित रूप से महामारी के वक्त में लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टर भगवान हैं लेकिन सफेद कोर्ट के भीतर कुछ शैतान भी है। सुपर स्पेशियलिटी सेंटर से डॉक्टरों ने बेड खाली कराने के लिए एक मरीज को स्वस्थ होने से पहले ही उठाकर भगा दिया। दूसरे दिन अस्पताल के बाहर सड़क पर पड़ी हुई उसकी लाश मिली है। समाचार लिखे जाने तक मामले की जांच शुरू नहीं हुई है और हत्यारा अभी भी सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के अंदर है। शायद किसी वीआईपी के रिश्तेदार के लिए बेड खाली करवा रहा होगा।
हालत में सुधार आ गया था, डिस्चार्ज करने वाले थे
14 अप्रैल को सिलिकॉन सिटी में रहने वाले 65 वर्षीय गोविंद रोरेले को कोरोना पॉजिटिव होने पर भर्ती किया गया था। करीब 10 दिन चले इलाज के दौरान उनकी स्थिति में सुधार हो गया था। उनके बेटे अजय को अस्पताल की ओर से बताया गया था कि जल्द ही उनके पिता को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। वह पहले की तरह पूरे परिवार के साथ सामान्य जीवन यापन करेंगे। पूरा परिवार काफी खुश था।
डॉक्टरों से सवाल किया तो पुलिस की धमकी देने लगे
अस्पताल के बताए समय पर बेटा अजय अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ अस्पताल पहुंचा। जब पिता के बारे में पूछा तो बताया गया कि उन्हें तो पहले ही रिचार्ज कर दिया गया है। इस पर अजय सहित अन्य परिजन भड़क गए। उन्होंने कहा कि रविवार को डिस्चार्ज करना था तो शनिवार को क्यों किया और इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। सवाल करने पर डॉक्टरों ने पुलिस बुलाकर गिरफ्तार करवाने की धमकी दी और भगा दिया। घरवालों ने उनकी तलाश की तो अस्पताल के बाहर सड़क पर गोविंद रोरेले की लाश पड़ी मिली।