CAR या BIKE के इंजन में घर्षण क्यों होता है - GK IN HINDI

परिभाषा के अनुसार घर्षण तब होता है जब दो वस्तुएं एक दूसरे से रगढ़ते हुए अपनी अपनी गति में होती है। कार अथवा बाइक या फिर किसी भी प्रकार के इंजन में एक मोटर होती है जो अपनी निर्धारित दिशा में निर्धारित गति के साथ घूमती है। वह किसी भी दूसरी वस्तु से रगड़ नहीं खाती फिर भी इंजन में घर्षण होता है। सवाल यह है कि जब इंजन की मोटर किसी दूसरी वस्तु के संपर्क में नहीं आती तो फिर इंजन में घर्षण क्यों होता है। 

सबसे पहले यह समझते हैं कि घर्षण क्या होता है 

घर्षन बल किसी वस्तु के विपरीत दिशा में लगता हैं। घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक और गतिज। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण गति की दिशा पर निर्भर नही करता। सामान्यत: कोई सतह पूर्णतया चिकनी नहीं होती, अपितु उसमें अत्यल्प परिमाण के उठाव और गड्ढे होते हैं। इनको अच्छे सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखा जा सकता है। अत: जब ऐसी दो सतहें एक दूसरे को स्पर्श करती हैं, तो एक सतह के उठाव दूसरी सतह के गड्ढों में फँस जाते हैं। इस अवस्था में एक सतह को दूसरी सतह पर खिसकाने के लिये बल लगाने पर सतह की बनावट में विकृत उत्पन्न हो जाती है। इसी के अनुरूप पदार्थो की प्रत्यास्थता के कारण प्रयुक्त बल की विरुद्ध दिशा में प्रतिबल कार्य करता है, जिसे घर्षणबल कहते हैं। 

घर्षण की परिभाषा में से अपने काम की बात, और प्रश्न का उत्तर

घर्षण की परिभाषा में अपन को यह तो पता चल गया कि कोई भी सतह पूरी तरह से सपाट यानी चिकनी नहीं होती। उसमें बहुत छोटी छोटी उठाव एवं गड्ढे होते हैं। इंजन की मोटर को सुरक्षित रखने के लिए उसे किसी न किसी धातु के कवर में बंद किया जाता है। इंजन की मोटर जैसे ही घूमना शुरू करती है वायु में मौजूद धातु के कण मोटर के चुंबकीय प्रभाव में आकर घूमने लगते हैं। इसी प्रक्रिया के दौरान वह मोटर को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए धातु के कवर से टकराते हैं। इसी के कारण इंजन में घर्षण होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article 

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