जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित मेडिकल के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के बाथरूम की खिड़की से एक कोरोना मरीज ने छलांग लगा दी। मरीज को गिरते देख अस्पताल परिसर में चीख पुकार व अफरातफरी मच गई। मरीज को उठाकर तत्काल ही उपचार के लिए गए, जहां पर मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके पहले भी कोरोना पाजिटिव मरीज द्वारा आत्मघाती कदम उठाया जा चुका है, जिससे यह बात तो साफ है कि मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही, के चलते इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है।
जानकारी के मुताबिक कटनी जिले के कुआं गांव निवासी इस कोरोना पॉजिटिव मरीज को तीन अक्टूबर को कटनी के अस्पताल से जबलपुर रेफर किया गया था। जहां उन्हें कोविड अस्पताल, स्पाइनल इंजुरी सेंटर में भर्ती किया गया था। जानकारी के मुताबिक सात अक्टूबर को इन्हें ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत के चलते सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। जहां गुरुवार को भी उन्होंने कूदकर जान देने की कोशिश की थी, लेकिन मरीज को रोक लिया गया और फिर अस्पताल की खिड़की में जाली लगा दी गई थी।
जिसके बाद मरीज को रात में मनोचिकित्सक को दिखाया गया और उनकी काउंसलिंग करने के बाद दवाइयां दी गई थी। शुक्रवार सुबह चार बजे मरीज ने फिर से नीचे कूदने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उन्हें बचा लिया। इसके बाद करीब साढ़े बजे वे बाथरूम में गए और उसकी खिड़की से नीचे कूद गए। घटना के बाद हंगामा मच गया और उन्हें तुरंत गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर रखा गया था जहां उसकी मौत हो गयी।
इस घटना की खबर मिलते ही प्रबंधन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। जिन्होने सबसे पहले ओटीएस को जाली से बंद करने का काम शुरु करा दिया था ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो सके। गौरतलब है कि इसके पहले भी एक और कोरोना पाजिटिव मरीज ने बिल्डिंग से कूदकर अपनी जान दे दी है। इसके बाद फिर आत्महत्या जैसी घटना सामने आई है। जिससे एक बात तो साफ है कि कही न कहीं मेडिकल अस्पताल में मरीजों के इलाज में की जा रही लापरवाही, उचित देखरेख न होने के कारण भी पीडि़त इस तरह के कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे है।
टीआई राकेश तिवारी ने बताया कि कोरोना पाजिटिव युवक सतीष कुमार दुबे बहोरीबंद जिला कटनी का रहने वाला है, जिसे सात सितम्बर को उपचार के लिए मेडिकल के सुपर स्पेशयलिटी हास्पिटल में भरती कराया गया थाआज बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली।