GWALIOR-GUNA रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन चलेगी, शिवपुरी के रेल यात्रियों को भी फायदा होगा - MP NEWS

ग्वालियर।
ग्वालियर से गुना तक का रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रिक इंजन के लिए तैयार हो गया है। बीते शनिवार की रात इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन को चलाकर टेस्ट किया गया। टेस्ट सफल रहा। इस रेलवे ट्रैक के इलेक्ट्रिक इंजन कंपैटिबल हो जाने के बाद जहां रेलवे को काफी फायदा होगा वहीं दूसरी ओर शिवपुरी और गुना के रेल यात्रियों को भी लाभ होगा।

रेलवे को कितना फायदा होगा

कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी का इसी सप्ताह के आखिर निरीक्षण होगा। CRF की हरी झंडी मिलते ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां यहां से गुजरना शुरू हाे जाएंगी। साथ ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए 130 किमी की दूरी घट जाएगी। जो गाड़ियां अभी तक बाया कानपुर, झांसी, बीना से गुना होकर जाती थीं, वे अब सीधे ग्वालियर, शिवपुरी, गुना होते जा सकेंगी।

शिवपुरी की जनता को क्या मिलेगा

रेलवे लाइन के विद्युतीकरण से शिवपुरी जिले की जनता को नई गाड़ियां सौगात मिलेंगी। वहीं समय और डीजल दोनों की बचत से होने से जनता और रेलवे विभाग को आर्थिक फायदा होगा। बताया जा रहा है कि इसी महीने इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ना शुरू हो सकती हैं।

इसी माह इलेक्ट्रिक गाड़ियां ट्रैक पर दौड़ने की उम्मीद

रेलवे सूत्रों के मानें तो कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ट्रैक का जायजा लेने एक सप्ताह के भीतर आएंगे। सुरक्षा संबंधी परीक्षण के बाद इजाजत देने के साथ इसी महीने से इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ना शुरू हो जाएंगी। लोको ट्रायल के लिए इलेक्ट्रिक इंजन गुना से चलकर शनिवार शाम 5.30 बजे शिवपुरी पहुंचा और फिर ग्वालियर से रात 10:40 बजे वापस आकर गुना चला गया। इसी के साथ लोको ट्रायल पूरा हुआ।

फायदा: मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की 130 किमी की दूरी कम होगी

ग्वालियर, झांसी और बीना से गुना होते हुए मेल एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। लंबी दूरी की इन ट्रेनाें की दूरी कम करने रेलवे विभाग पहले से योजना बना रहा है। शिवपुरी से होकर मेल एक्सप्रेस गाड़ियां निकालने पर 130 किमी दूरी का सीधा अंतर आएगा। यानी शिवपुरी जिले के लोगों को फायदा होगा। दिल्ली जाना हो या फिर इंदौर, मुंबई या फिर गुजरात, गाड़ियां सीधे उपलब्ध होंगी। इससे लोगों को सुविधा होगी।

रेलवे और जनता को समय व पैसे की बचत 

1. डीजल की बचत: डीजल इंजन बंद होने से डीजल की खपत बंद हो जाएगी। इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में डीजल की ज्यादा खपत होती है। रेलवे को लाइट सस्ती और डीजल मंहगा पड़ता है।
2. समय की बचत: ग्वालियर और गुना में डीजल लोको पर इलेक्ट्रिक की जगह डीजल इंजन बदलने पड़ते थे जिसमें 40 से 45 मिनट का वक्त लगता था। एक ही इंजन लगेगा और रनिंग में सीधे तौर पर डेढ़ घंटे का अंतर आएगा।
3. स्पीड 10% बढ़ेगी: डीजल इंजन की तुलना में इलेक्ट्रिक इंजन की गति ज्यादा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब स्पीड 10% बढ़ जाएगी। मंजिल तक पहुंचने में यात्रियों पहले से कम समय लगेगा और सफर छोटा हो जाएगा।

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