RTO: ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन ट्रांसफर, NOC जैसे कई काम ऑनलाइन किए जाएंगे - MP NEWS

इंदौर।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी कह चुके हैं कि आरटीओ ऑफिस यानी घूसखोरी और परेशानी लेकिन इंदौर के परिवहन कार्यालय ने माथे पर लगे दाग को मिटाने के लिए एक कोशिश की है। इंदौर आरटीओ ने एक योजना बनाकर हेड क्वार्टर भेजी है। यदि अप्रूवल मिल गया तो वाहन मालिकों को ट्रांसफर और एनओसी जैसे कामों के लिए आरटीओ ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पत्रकार श्री नवीन यादव की एक रिपोर्ट में इस योजना के बारे में बताया गया है।

ARTO हृदयेश यादव ने योजना तैयार की है

मध्यप्रदेश में वाहन बेचने पर वाहन मालिक को पूरी कागजी कार्रवाई के बावजूद आरटीओ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होना पड़ता है। इसी तरह किसी आरटीओ में रजिस्टर्ड अपने वाहन को दूसरे शहर या राज्य में ले जाने के लिए आरटीओ की एनओसी के लिए भी आवेदक को उपस्थित होना पड़ता है। इस परेशानी से बचाने के लिए एआरटीओ हृदयेश यादव ने योजना तैयार की है।

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी आरटीओ कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा

यादव के मुताबिक परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने आरटीओ की व्यवस्था को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने और आवेदकों की सुविधाओं के लिए विभिन्न कमेटियां बनाई हैं जो अपने प्रस्ताव भेज रही हैं। इन कमेटियों के सुझाव और प्रस्ताव को धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। इसके अलावा ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर भी बनाए जाएंगे। इससे लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ नहीं जाना होगा।

कागज की भी होगी बचत
इसमें आवेदक परिवहन विभाग की वेबसाइट से अप्लाई करेगा जिसके लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। इसमें सत्यापन के लिए एक नया विकल्प जोड़ा जाएगा। व्यक्ति पास के एमपी ऑनलाइन या कियोस्क सेंटर जाकर अपना थंब इंप्रेशन देगा। इससे पुष्टि हो जाएगी कि आवेदक असली व्यक्ति है। इसके बाद कार्यालय में उसकी फाइल अप्रूव कर दी जाएगी। यादव के अनुसार यह प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाती है तो कागज की बचत भी होगी। आनलाइन आवेदन करने पर फाइल ऑॅनलाइन ही रहेगी। जैसे ही केंद्र से आधार कार्ड के डेटा का एक्सेस हमें मिलेगा, योजना शुरू कर दी जाएगी।

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