उज्जैन। लोकायुक्त उज्जैन ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। यहां बड़नगर सीएमओ (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) के घर दबिश देकर करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ। टीम ने सुबह सीएमओ के तीन ठिकानों उज्जैन, बड़नगर और माकड़ौन में एक साथ दबिश दी। शुरुआती जांच में करीब 3 करोड़ की कमाई की बात सामने आई है। सीएमओ के घर से करीब 4 लाख नकद, लाखों के सोने-चांदी के जेवर, दो आलीशान मकान, जमीन, एक निर्माणाधीन होटल, परिवार में 40 बैंक खाते समेत अन्य प्रॉपर्टी मिली है।
लोकायुक्त इंस्पेक्टर बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि सीएमओ कुलदीप किंशुक के खिलाफ जून 20 में अनुपातहीन संपत्ति को लेकर शिकायत हुई थी। जांच में मामला सही पाए जाने पर अलसुबह टीम ने दबिश दी। घर पहुंचे और बेल बजाई तो सीएमओ ने दरवाजा खोला। टीम के परिचय देते ही सीएमओ के चेहरे की रंगत बदल गई। टीम भीतर पहुंची तो उनका एक दोस्त भी सोते हुए मिला। इसके बाद उज्जैन समेत बड़नगर और माकड़ौन में तलाशी ली गई। माकड़ौन में लाखों रुपए कैश और बड़ी मात्रा में सोने-चांदी की ज्वैलरी मिली।
बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि सीएमओ के खिलाफ जांच में यह पता चला कि 16 साल की नौकरी में इन्हें करीब 30 लाख रुपए सैलरी मिली। लेकिन शुरुआती जांच में ही करोड़ों की संपत्ति सामने आई है। जांच में एक मकान माकड़ौन में, दो लग्जरी कार, दो स्कूटी, दो बाइक, साढ़े 3 एकड़ जमीन, उज्जैन रेलवे स्टेशन के सामने कमर्शियल निर्माण की परमिशन ले रखी है, बिल्डिंग का काम भी चल रहा है। संभवत: होटल बना रहे हैं। इसके अलावा उज्जैन में एक दो मंजिला मकान, 4 लाख नकदी, सोने-चांदी के लाखों के जेवर मिले।
श्रीवास्तव के अनुसार, सीएमओ के खिलाफ तीन करोड़ की संपत्ति होने का पता चला है। माकड़ौन में कैश और ज्वैलरी मिली है। 2004 में इन्होंने पंचायत सचिव के पद पर कार्य करना शुरू किया था। अभी ये राजस्व निरीक्षक के पद पर हैं। अभी इन्हें प्रभारी सीएमओ बड़नगर का प्रभार भी मिला है। दबिश के दौरान इनका एक दोस्त भी उनके घर पर सोते हुए मिला। इन्होंने अपने उस दोस्त के नाम पर ही कार समेत कई संपत्ति खरीदी हैं। जांच में यह भी पता चला है कि इसके अलावा भी कुछ दोस्तों के नाम पर इन्होंने प्रॉपर्टी खरीदी है।