ग्वालियर के वीर जयभान सिंह पवैया अब महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया की शरण में / GWALIOR NEWS

ग्वालियर। एक पुरानी कहावत है 'राजनीति की मजबूरियां बिगड़े से बिगड़े घोड़े की नाक में नकेल डाल देती है।' यह चित्र कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। जवान सिंह पवैया जिनकी पहचान और अस्तित्व ही सिंधिया राजवंश और सामंतवाद का विरोध रहा है, आज ग्वालियर के महाराज श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया की शरण में नजर आए। प्राप्त हुए इस फोटोग्राफ्स में ज्योतिरादित्य सिंधिया, अपने पिता के कट्टर विरोधी रहे जय भान सिंह पवैया के कंधे पर हाथ रखे हुए नजर आ रहे हैं। कुछ सालों पहले तक जवान सिंह पवैया सीना तान कर के जैसे कि उन्होंने ग्वालियर को सिंधिया की गुलामी से मुक्त कराया है। छोटा सा सवाल है, आज के बाद क्या कहेंगे।

जयभान सिंह पवैया सिंधिया समर्थकों का प्रचार करेंगे, उनके लिए वोट मांगेंगे

अंततः बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ग्वालियर के दिग्गज भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया आज से ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से नाराज नहीं हैं। मुख्यमंत्री से आधे घंटे की बातचीत के बाद अब वे उपचुनाव की तैयारियों में लग जाएंगे। इतना ही नहीं उपचुनाव में भी घर-घर जाकर सिंधिया समर्थक प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेगे।

जय भान सिंह पवैया की पहचान ही सिंधिया विरोध थी

जयभान सिंह पवैया की राजनीति ग्वालियर में सिंधिया परिवार के विरोध में रही है। जयभान सिंह पवैया पिछला चुनाव सिंधिया के खास समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर से हार गए थे। प्रद्युम्न सिंह जीतने के बाद कांग्रेस सरकार में मंत्री बने। कांग्रेस सरकार के पतन के दौरान विधायकी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।

कभी माधवराव सिंधिया को ग्वालियर से खदेड़ा था, आज अपनी ही विधानसभा अपने पास नहीं रही

मंत्री प्रद्युम्न सिंह ग्वालियर से अब चुनाव लड़ेंगे। ये क्षेत्र जयभान सिंह पवैया का भी गढ़ है। इसी बात को लेकर पवैया पार्टी से नाराज चल रहे थे। भाजपा ने पवैया की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें प्रदेश समन्वय की जिम्मेदारी थी। लेकिन पवैया पार्टी के प्रदेश कार्यालय में होने वाली एक भी बैठक में नहीं आए और पार्टी से दूरी बना ली। चुनाव से पहले इस तरह से एक दिग्गज नेता के नाराज होने से भाजपा को बगावत का डर सता रहा था।

शिवराज सिंह से आधे घंटे चर्चा हुई और आत्म सम्मान का सौदा हो गया

दो दिन के लिए ग्वालियर पहुंच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रविवार को जयभान पवैया को खुद फोन कर बुलाया और उनसे एकांत में करीब आधा घंटे चर्चा की। इसके बाद दोनों भाजपा के कार्यक्रम में शामिल होने चले गए। यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रभात झा भी मौजूद थे। सभी का आमना-सामना हुआ। सिंधिया ने पवैया से पहले नमस्कार किया और उनके कंधे पर प्यार से हाथ रखा। बताया जा रहा है कि सिंधिया और पवैया की अलग से मुलाकात आज रात तक हो सकती है।

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